भारत का अनोखा शहर: कटक और इसका पैलिंड्रोमिक नाम
कटक, ओडिशा का एक अनोखा शहर है, जिसका नाम आगे और पीछे से पढ़ने पर भी एक जैसा रहता है। इसकी स्थापना 989 ईस्वी में हुई थी और यह सदियों तक ओडिशा की राजधानी रहा। कटक अपने ऐतिहासिक मंदिरों और किलों के लिए प्रसिद्ध है, जो इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं। जानें इस शहर के बारे में और इसके अद्वितीय नाम के पीछे की कहानी।
Sep 2, 2025, 16:07 IST
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कटक: एक अद्वितीय शहर
Gk Questions, नई दिल्ली: भारत में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं, और हर एक शहर और कस्बे की अपनी विशेषता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा शहर है जिसका नाम आगे से और पीछे से पढ़ने पर भी एक जैसा ही रहता है? आइए इस दिलचस्प शहर के बारे में जानते हैं।
भारत में शहरों की संख्या
इस अनोखे शहर के बारे में जानकारी देने से पहले, आइए कुछ आंकड़ों पर ध्यान दें। 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में लगभग 7,933 कस्बे और शहर हैं। इनमें से 300 से अधिक शहरों की जनसंख्या एक लाख से अधिक है। इन सभी शहरों में से एक शहर अपने अनोखे नाम के कारण सबसे अलग है।
पैलिंड्रोमिक नाम वाला शहर
यह शहर कटक है, जो ओडिशा राज्य में स्थित है। इसे सीधे या उलटे लिखें, इसका नाम हमेशा एक जैसा ही रहता है। यही कारण है कि कटक भारत का एकमात्र ऐसा शहर है जिसका नाम पढ़ने में इतना अनोखा है।
कटक का ऐतिहासिक महत्व
कटक का इतिहास लगभग 1,000 साल पुराना है। इसकी स्थापना 989 ईस्वी में केसरी वंश के राजा नृप केसरी ने की थी। यह सदियों तक ओडिशा की राजधानी रहा और गंग वंश, सूर्य वंश और अन्य शक्तिशाली शासकों के शासन का गवाह रहा।
कटक की प्रसिद्धि
कटक केवल अपने अनोखे नाम के लिए ही नहीं जाना जाता, बल्कि यह अपने ऐतिहासिक मंदिरों, भव्य किलों और ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए भी प्रसिद्ध है। आज भी, इसके प्राचीन किले अतीत की भव्यता के जीवंत प्रमाण हैं।
कटक पर शासन करने वाले
12वीं शताब्दी में गंग वंश के अधीन, 14वीं शताब्दी में फिरोज शाह तुगलक द्वारा विजय प्राप्त की गई, और बाद में यह मुगलों के अधीन आ गया। लगभग 1750 में, यह मराठों के अधीन आया। 1803 में, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने इस पर नियंत्रण कर लिया। 1826 तक, कटक को ओडिशा की राजधानी घोषित किया गया।
स्वतंत्रता के बाद, राजधानी कटक से भुवनेश्वर स्थानांतरित कर दी गई। इस प्रकार, कटक न केवल ऐतिहासिक महत्व का शहर है, बल्कि एक भाषाई आश्चर्य भी है, जिसका नाम कभी नहीं बदलता, चाहे आप इसे किसी भी तरह से पढ़ें।