भारत की अर्थव्यवस्था: ट्रंप के बयानों के विपरीत तेजी से बढ़ती
भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में मान्यता मिली है, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसे 'मृत अर्थव्यवस्था' कह रहे हैं। इस लेख में, हम ट्रंप के बयानों की आलोचना करते हैं और बताते हैं कि कैसे भारत विदेशी निवेश का केंद्र बन रहा है। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की रिपोर्टों के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2025 और 2026 में 6.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के प्रभावों का आकलन करने की बात कही है।
Jul 31, 2025, 18:19 IST
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भारत की आर्थिक वृद्धि पर ट्रंप का विवादास्पद बयान
भारत वर्तमान में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसे ‘मृत अर्थव्यवस्था’ करार दे रहे हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि ट्रंप शायद वास्तविकता से दूर हैं। जब प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं, जैसे कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, भारत की आर्थिक प्रगति की सराहना कर रही हैं, तो ट्रंप का यह बयान उचित नहीं लगता। यह ध्यान देने योग्य है कि ये संस्थाएं, जो भारत की प्रगति पर रिपोर्ट तैयार कर रही हैं, उनमें से अधिकांश का मुख्यालय अमेरिका में है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ट्रंप को यह नहीं दिखता कि अमेरिका में बैठे विश्लेषक भारत के बारे में सकारात्मक भविष्यवाणियां कर रहे हैं, जबकि वह इसे डेड इकॉनॉमी बता रहे हैं। भारत, जो अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, विदेशी निवेश के लिए एक प्रमुख केंद्र बन चुका है, और कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां यहां विनिर्माण केंद्र स्थापित करने की योजना बना रही हैं। इसके अलावा, भारतीय प्रतिभाओं की तकनीकी क्षेत्र में उच्च मांग है, और भारत कई देशों को सेवाओं का प्रमुख निर्यातक बना हुआ है।
वास्तव में, वैश्विक अर्थव्यवस्था का केंद्र धीरे-धीरे ‘ग्लोबल साउथ’ की ओर बढ़ रहा है, जिसमें भारत ने अग्रणी भूमिका निभाई है। पूर्व विकसित अर्थव्यवस्थाएं तेजी से वृद्ध हो रही हैं, और प्रवासी भारतीयों के योगदान के कारण ये अर्थव्यवस्थाएं सकारात्मक वृद्धि दर्ज कर रही हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने फरवरी 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अपनी रिपोर्ट में ‘अधिकारियों की सूझबूझ वाली वृहद आर्थिक नीतियों और सुधारों’ की प्रशंसा की थी। इन नीतियों ने भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आईएमएफ ने यह भी कहा कि भारत का मजबूत आर्थिक प्रदर्शन 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने की महत्वाकांक्षा को साकार करने के लिए आवश्यक संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है।
अमेरिका के टैरिफ अटैक से प्रभावित होंगे भारतीय निर्यात, लेकिन लांग टर्म में कारोबारी हित रहेंगे अछूते!
भारत के पास तकनीकी रूप से कुशल मानव संसाधन भी उपलब्ध हैं। आईएमएफ की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2025 और 2026 में 6.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) जैसी अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भी इसी तरह के अनुमान लगाए हैं। विश्व बैंक और ओईसीडी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जबकि एडीबी का अनुमान 6.5 प्रतिशत है।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में कहा है कि अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ के प्रभावों का आकलन किया जा रहा है और राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। गोयल ने यह भी कहा कि सरकार किसानों, श्रमिकों, उद्यमियों, निर्यातकों, एमएसएमई और उद्योग जगत के सभी हितधारकों की रक्षा और संवर्धन को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।