भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में प्रदर्शनों को दमनकारी रवैये का परिणाम बताया

भारत का बयान
नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में हो रहे बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों को पाकिस्तान के दमनकारी व्यवहार और संसाधनों की संगठित लूट का “स्वाभाविक परिणाम” बताया है। इन प्रदर्शनों में अब तक कई लोगों की जान जाने की सूचना है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने नई दिल्ली में आयोजित साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि भारत को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में चल रहे प्रदर्शनों और पाकिस्तानी बलों द्वारा स्थानीय नागरिकों पर की जा रही बर्बरता की जानकारी है।
उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में प्रदर्शनों और निर्दोष नागरिकों पर पाकिस्तानी बलों की बर्बरता की रिपोर्टें देखी हैं। यह पाकिस्तान के दमनकारी दृष्टिकोण और इन क्षेत्रों के संसाधनों की संगठित लूट का स्वाभाविक परिणाम है, जो उसके अवैध कब्जे में हैं। पाकिस्तान को अपने गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
हमने पाकिस्तान के कब्जे़ वाले जम्मू-कश्मीर के कई इलाक़ों में विरोध प्रदर्शनों की ख़बरें देखी हैं, जिनमें पाकिस्तानी सेना द्वारा निर्दोष नागरिकों पर की गई बर्बरता भी शामिल है, पाकिस्तान को उसके भयावह मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए: रणधीर जायसवाल, भारत के… pic.twitter.com/GBC9FH7Fw1
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) October 3, 2025
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा हैं और रहेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हमेशा से भारत के अभिन्न अंग रहे हैं। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भी भारत का हिस्सा है। यह बयान उस समय आया है जब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (JAAC) की हड़ताल के दौरान हिंसक झड़पें भड़क गईं, जिनमें कई लोग और पुलिसकर्मी मारे गए और कई घायल हुए।
हड़ताल के कारण पीओके में व्यापारिक गतिविधियां ठप हो गई हैं और संचार व्यवस्था बाधित है। धीर कोट समेत कई क्षेत्रों में झड़पें हुईं। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, इन झड़पों में 172 पुलिसकर्मी और 50 नागरिक घायल हुए हैं। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, मुज़फ़्फराबाद, मीरपुर, पुंछ, नीलम, भिंबर और पलंदरी जैसे क्षेत्रों में जेएएसी के नेता शौकत नवाज़ मीर की अगुवाई में हड़ताल के बाद जनजीवन ठप हो गया है। बाजार बंद हैं, सड़कों पर जाम है और मुज़फ़्फराबाद में इंटरनेट सेवाएं सीमित कर दी गई हैं।