भूमि विवाद में पुलिस की निष्क्रियता पर उठे सवाल

भूमि विवाद और पुलिस की भूमिका
फरेंदा महराजगंज :: थाना बृजमनगंज के करमहा टोला बड़की मैनहिया में एक भूमि विवाद ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित बेचन, जो शिवपूजन का पुत्र है, ने आरोप लगाया है कि उसकी निजी संपत्ति, गाटा संख्या 855, पर गांव के बाबूराम और लगभग 50 अन्य अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अवैध निर्माण किया जा रहा है। यह निर्माण उस जमीन पर हो रहा है, जिस पर सिविल जज (जूनियर डिवीजन) फरेंदा द्वारा स्थगन आदेश जारी किया गया था।
बेचन ने बताया कि उन्होंने 28 जुलाई 2025 को स्थगन आदेश की प्रति थानाध्यक्ष बृजमनगंज और पुलिस अधीक्षक महराजगंज को सौंपी थी। इसके अलावा, 30 जुलाई को मुख्यमंत्री के जनता दर्शन कार्यक्रम में भी उन्होंने अपनी शिकायत दर्ज कराई और डीजीपी, एडीजी, डीआईजी, आईजी को ईमेल के माध्यम से सूचित किया। इसके बावजूद, पुलिस ने न तो अवैध निर्माण को रोका और न ही कोई प्रशासनिक कार्रवाई की।
पीड़ित ने कहा कि कोर्ट द्वारा जारी स्थगन आदेश की अगली सुनवाई 4 अगस्त 2025 को निर्धारित है, लेकिन निर्माण कार्य बिना किसी रुकावट के जारी है। 31 जुलाई को उन्होंने एक बार फिर पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाकर शिकायत दर्ज कराई और स्थगन आदेश के पालन की मांग की।
सीओ फरेंदा से इस मामले पर बात करने पर उन्होंने मामले की जानकारी से इनकार किया।
पुलिस अधीक्षक महराजगंज ने कहा, "पीड़ित द्वारा आज ही प्रार्थना पत्र सौंपा गया है। संबंधित थानाध्यक्ष को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि कोर्ट के स्थगन आदेश का तुरंत पालन सुनिश्चित किया जाए। अवैध निर्माण में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।"
अब यह देखना होगा कि प्रशासन और पुलिस स्थगन आदेश का पालन करते हैं या पीड़ित को न्याय के लिए और संघर्ष करना पड़ेगा।