महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों की नई समयसीमा निर्धारित

सुप्रीम कोर्ट का आदेश
महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार और चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वे 31 जनवरी, 2026 तक चुनाव कराएं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने अधिकारियों को यह भी कहा कि परिसीमन प्रक्रिया को 10 अक्टूबर, 2023 तक पूरा किया जाए। अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि 6 मई को दिए गए आदेश के अनुसार, चुनावों की अधिसूचना चार सप्ताह के भीतर जारी की जानी थी, लेकिन राज्य चुनाव आयोग ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
आयोग की देरी पर नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट ने मई 2025 में एक अंतरिम आदेश जारी किया था, जिसमें आयोग को चार सप्ताह के भीतर चुनाव अधिसूचना जारी करने और चार महीने के भीतर प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, आयोग ने इस पर कोई त्वरित कदम नहीं उठाया, जिससे अदालत ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। बेंच ने कहा कि आयोग ने समयसीमा का पालन नहीं किया। आयोग ने देरी के लिए सीमांकन प्रक्रिया, ईवीएम की कमी, बोर्ड परीक्षाओं के दौरान स्कूलों की अनुपलब्धता और स्टाफ की कमी जैसे कारण बताए, लेकिन अदालत ने इन सभी को अस्वीकार कर दिया।
बोर्ड परीक्षाओं का प्रभाव
अदालत ने स्पष्ट किया कि बोर्ड परीक्षाएं मार्च 2026 में होंगी, इसलिए ये चुनावों को स्थगित करने का आधार नहीं बन सकतीं। इसके अलावा, सीमांकन को चुनावों में देरी का कारण नहीं माना जाएगा। बेंच ने कहा कि यदि किसी अन्य लॉजिस्टिक सहायता की आवश्यकता हो, तो आयोग को 31 अक्टूबर 2025 से पहले आवेदन करना होगा, उसके बाद कोई प्रार्थना स्वीकार नहीं की जाएगी। आयोग को ईवीएम की उपलब्धता पर 30 नवंबर 2025 तक शपथ-पत्र दाखिल करने का भी आदेश दिया गया है।
ओबीसी आरक्षण विवाद
महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव 2022 से लटके हुए हैं, मुख्य रूप से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण के विवाद के कारण। ये चुनाव जिला परिषद, पंचायत समिति और सभी नगर निगमों सहित सभी स्थानीय निकायों के लिए हैं।