Newzfatafatlogo

मुंबई के मेयर पद पर नितेश राणे का विवादास्पद बयान: क्या है असली मंशा?

महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे के हालिया बयान ने मुंबई के नगर निगम चुनावों में नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि केवल 'आई लव महादेव' कहने वाला व्यक्ति ही मेयर बनेगा, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। इस बयान का AIMIM नेता वारिस पठान की टिप्पणी से सीधा संबंध है। राणे का यह बयान धार्मिक आधार पर राजनीति करने के आरोपों को और बढ़ावा दे रहा है। आगामी चुनावों का महत्व भी बढ़ गया है, क्योंकि यह न केवल सत्ता का सवाल है, बल्कि पहचान और विचारधारा की राजनीति का भी केंद्र बन सकता है।
 | 
मुंबई के मेयर पद पर नितेश राणे का विवादास्पद बयान: क्या है असली मंशा?

राजनीति में नया विवाद


मुंबई : महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार में मंत्री और भाजपा नेता नितेश राणे के हालिया बयान ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। आगामी नगर निगम चुनावों से पहले, राणे ने मेयर पद को लेकर कहा कि केवल वही व्यक्ति जो 'आई लव महादेव' कहेगा, वह मुंबई का मेयर बनेगा, न कि कोई खान या पठान। इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में विवाद को जन्म दिया है, और विपक्षी दलों ने इसे विभाजनकारी राजनीति के रूप में देखा है।


AIMIM और वारिस पठान पर सीधा हमला

AIMIM और वारिस पठान पर सीधा हमला
राणे का यह बयान AIMIM के नेता वारिस पठान की टिप्पणी के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने पूछा था कि मुंबई का मेयर कोई खान या पठान क्यों नहीं बन सकता। राणे ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर AIMIM के नेताओं को ऐसा लगता है, तो उन्हें अपनी पार्टी को इस्लामाबाद या कराची ले जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जो नेता पाकिस्तान जाने का सपना देखता है, उसके लिए वे टिकट की व्यवस्था कर देंगे। राणे ने मुंबई को 'हिंदुत्व के डीएनए वाला शहर' बताते हुए कहा कि यहां केवल भगवाधारी ही मेयर बन सकते हैं।


'आई लव महादेव' बयान से बढ़ा विवाद

‘आई लव महादेव’ बयान से बढ़ा विवाद
एक टीवी चैनल पर बातचीत के दौरान, नितेश राणे ने अपने बयान को और बढ़ाते हुए कहा कि अगर लोग सतर्क नहीं रहे, तो भविष्य में 'आई लव मोहम्मद' कहने वाले मेयर भी बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुंबई की पहचान हिंदू संस्कृति से जुड़ी है और इसे किसी भी कीमत पर नहीं बदला जाएगा। इस बयान ने धार्मिक आधार पर राजनीति करने के आरोपों को और बढ़ावा दिया है।


BMC चुनाव और सीट बंटवारे की रणनीति

BMC चुनाव और सीट बंटवारे की रणनीति
बीएमसी चुनावों को लेकर भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच सीट बंटवारे पर चर्चाएं तेज हो गई हैं। नितेश राणे ने इस मुद्दे पर कोई संख्या नहीं बताई, लेकिन यह स्पष्ट किया कि निर्णय पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा। यह भी कहा जा रहा है कि महायुति में सीटों का बंटवारा क्षेत्रीय ताकत और प्रभाव के आधार पर किया जाएगा, ताकि जीत की संभावना अधिक हो।


नगर निकाय चुनावों का राजनीतिक महत्व

नगर निकाय चुनावों का राजनीतिक महत्व
महाराष्ट्र में 15 जनवरी को होने वाले नगर निकाय चुनावों को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इनमें मुंबई की बृहन्मुंबई महानगरपालिका सबसे प्रमुख है, जिसे देश का सबसे अमीर नगर निकाय माना जाता है। 227 वार्डों में होने वाले इन चुनावों में एक करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मतगणना 16 जनवरी को होगी, जिसके बाद यह तय होगा कि अगले पांच वर्षों तक मुंबई की सत्ता किसके हाथ में होगी।


बयानबाजी से आगे क्या?

बयानबाजी से आगे क्या?
नितेश राणे के बयान ने स्पष्ट कर दिया है कि बीएमसी चुनाव केवल स्थानीय विकास तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि पहचान और विचारधारा की राजनीति का केंद्र बन सकते हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जनता इस तरह के बयानों को किस दृष्टिकोण से देखती है और मतदान के माध्यम से किसे समर्थन देती है। महाराष्ट्र की राजनीति में यह चुनाव न केवल सत्ता, बल्कि दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है।