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यमुना एक्सप्रेसवे पर नई कंपनियों को भूमि आवंटन, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने दो कंपनियों को भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया है, जिससे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। आरपी-संजीव गोयनका समूह और मिंडा कॉरपोरेशन द्वारा प्रस्तावित परियोजनाएं न केवल निवेश को आकर्षित करेंगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेंगी। जानें इस महत्वपूर्ण विकास के बारे में और कैसे यह उत्तर प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र को प्रभावित करेगा।
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यमुना एक्सप्रेसवे पर नई कंपनियों को भूमि आवंटन, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे

यीडा ने कंपनियों को भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने बुधवार को दो प्रमुख कंपनियों को क्षेत्र में भूमि आवंटित करने के लिए आशय पत्र (एलओआई) जारी किया।


यीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आर के सिंह ने बताया कि एलओआई जारी होने के बाद, दोनों कंपनियां निवेश मित्र के माध्यम से परियोजना की विस्तृत जानकारी सरकार को प्रस्तुत करेंगी।


भूमि आवंटन और संयंत्र निर्माण की प्रक्रिया

सिंह ने कहा कि उच्च-स्तरीय समिति की मंजूरी मिलने के बाद भूमि का आवंटन किया जाएगा, जिसके बाद संयंत्रों का निर्माण प्रारंभ होगा।


आरपी-संजीव गोयनका समूह ने 3,000 करोड़ रुपये के निवेश से 60 मेगावाट के निजी उपयोग वाले सौर ऊर्जा भंडारण (ईएसएस) संयंत्र के साथ तीन मेगावाट की सौर सेल और एकीकृत सौर पारिस्थितिकी केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है।


रोजगार सृजन और घरेलू मूल्यवर्धन

इस परियोजना से 1,200 से अधिक प्रत्यक्ष और 4,000 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे, साथ ही घरेलू मूल्यवर्धन में वृद्धि होगी।


इसके अतिरिक्त, मिंडा कॉरपोरेशन लिमिटेड यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में अपना दूसरा संयंत्र स्थापित करेगी।


मिंडा कॉरपोरेशन का नया संयंत्र

यह कंपनी यहां वाहनों के वायरिंग हार्नेस, सेंसर और कनेक्टर आदि का उत्पादन करेगी, जिसमें 500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा।


इस परियोजना से लगभग 5,000 लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। सिंह ने कहा कि ये निवेश नवीकरणीय ऊर्जा और वाहन क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देंगे और रोजगार सृजन में योगदान करेंगे।