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यमुनानगर में धान बिक्री के लिए QR कोड प्रणाली लागू

यमुनानगर में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने धान बिक्री के लिए QR कोड प्रणाली लागू की है। अब किसानों को मंडी में अपनी उपस्थिति अनिवार्य होगी और उन्हें अपने मोबाइल पर एक एप्लिकेशन डाउनलोड करनी होगी। इस प्रणाली के माध्यम से धान की बिक्री में पारदर्शिता लाने का प्रयास किया जा रहा है। जानें इस नई व्यवस्था के बारे में और कैसे यह स्थानीय किसानों को प्रभावित कर सकती है।
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यमुनानगर में धान बिक्री के लिए QR कोड प्रणाली लागू

यमुनानगर में धान बिक्री के लिए नई तकनीक

यमुनानगर: खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि दूसरे राज्यों का धान अनाज मंडियों में न बिक सके, अब तकनीक का उपयोग करने का निर्णय लिया है। अब जो किसान धान बेचना चाहता है, उसे मंडी में स्वयं उपस्थित होना होगा। इसके साथ ही, उन्हें अपने साथ एक मोबाइल फोन भी लाना होगा, जिसमें उन्होंने पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। इस मोबाइल में डाउनलोड की गई एप्लिकेशन में मौजूद क्यूआर कोड को अनाज मंडी में स्कैन करने के बाद ही गेट पास जारी किया जाएगा। बिना क्यूआर कोड के कोई भी किसान मंडी में अपनी फसल नहीं बेच सकेगा।


क्यूआर कोड आधारित गेट पास प्रणाली

QR कोड से धान बिक्री


खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने किसानों की सुविधा के लिए क्यूआर कोड आधारित गेट पास प्रणाली को तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया है। इस संबंध में सभी संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं। नई योजना के तहत, किसानों को अपने मोबाइल में ई-खरीद मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड करनी होगी।


मोबाइल एप से गेट पास जनरेट करना

ऐप डाउनलोड, मंडी में स्कैन


किसान इस एप्लीकेशन के माध्यम से कहीं से भी अपना गेट पास और क्यूआर कोड जनरेट कर सकेंगे। इसके बाद, उन्हें उस मंडी में जाना होगा जिसके लिए गेट पास बनाया गया है। मंडी के गेट पर कर्मचारी क्यूआर कोड को स्कैन करेगा, और तभी किसान को सत्यापित करके गेट पास दिया जाएगा।


किसान की उपस्थिति आवश्यक

किसान मौजूद तो ही QR दिखेगा


यह ध्यान देने योग्य है कि जब तक किसान मंडी में उपस्थित नहीं होगा, तब तक मोबाइल में क्यूआर कोड नहीं दिखाई देगा। सिस्टम स्वचालित रूप से उस गेटकीपर के मोबाइल डिवाइस की जानकारी भी दर्ज करेगा, जिससे स्कैनिंग की गई है। सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए गेटकीपर, नीलामी रिकार्डर और निरीक्षक को ओटीपी-आधारित लॉगिन प्रमाणीकरण के माध्यम से लॉगिन करना अनिवार्य होगा।


मंडियों में धान की खरीद

मंडियों में खरीद आंकड़े


व्यासपुर 65699, छछरौली 81910, गुमथला राव 9376, जगाधरी 91020, जठलाना 3540, खारवन 5671, प्रतापनगर 122805, सरस्वतीनगर 118270, रादौर 63828, रणजीतपुर 52189, रसूलपुर 14460, साढौरा 36338, यमुनानगर 501


अन्य राज्यों की फसल खरीद पर आरोप

दूसरे राज्यों की फसल खरीदने के लगते रहे हैं आरोप


सरकार पर आरोप लगते रहे हैं कि अनाज मंडियों में दूसरे राज्यों का धान मंगवा कर बेचा जा रहा है, जिससे स्थानीय किसानों को परेशानी होती है। इस मुद्दे को कई बार मीडिया में उठाया गया है। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश-यमुनानगर बॉर्डर पर कई बार पहरा देकर धान लेकर आ रहे वाहनों को रोका है।


खरीद में पारदर्शिता लाने की कोशिश

हालांकि, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के क्यूआर कोड संबंधित आदेश ऐसे समय पर आए हैं जब खेतों में धान की फसल खत्म हो चुकी है। जिले की 13 अनाज मंडियों में अब तक 6,65,606 मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है। मार्केट कमेटी जगाधरी के सचिव विशाल गर्ग का कहना है कि इस प्रणाली से धान खरीद में पारदर्शिता आएगी और किसानों को लाभ होगा।


डीएफएससी, यमुनानगर जतिन मित्तल ने बताया कि अब बिना क्यूआर कोड स्कैन किए किसान का गेट पास मंडियों में सत्यापित नहीं किया जाएगा। क्यूआर कोड तभी दिखाई देगा जब किसान मंडी में स्वयं उपस्थित रहेगा। सभी मार्केट कमेटियों को इस बारे में सूचित कर दिया गया है।