यूरोप के नेताओं ने पीएम मोदी से की बातचीत, ट्रंप की नीतियों पर उठाए सवाल

यूरोप का भारत से संपर्क
हाल ही में यूरोप के नेता डोनाल्ड ट्रंप से मिलने के बाद पीएम मोदी को फोन कर रहे हैं। ट्रंप की धमकियों से परेशान होकर, फ्रांस, फिनलैंड, जर्मनी और यूक्रेन के नेताओं ने अब यूरोपीय कमीशन और यूरोपीय काउंसिल की अध्यक्ष के साथ मिलकर मोदी से संपर्क किया है। यूरोप ने मोदी से जो बातें साझा की हैं, वे सुनकर आपको खुशी होगी। यूक्रेन और अन्य यूरोपीय देश जो पहले अमेरिका से बात करते थे, अब वे सीधे पीएम मोदी से संवाद कर रहे हैं। यह स्थिति यह दर्शाती है कि यूरोप में अमेरिका के प्रति मोहभंग हो रहा है।
ट्रंप की नीतियों पर सवाल
डोनाल्ड ट्रंप से इन नेताओं ने अनुरोध किया कि वे पुतिन से मिलकर रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने का प्रयास करें। हालाँकि, ट्रंप ने 15 अगस्त को अलास्का में पुतिन से मुलाकात की, लेकिन युद्ध को रोकने के बजाय उन्होंने अपनी डील की। इससे यूरोप को यह समझ में आया कि अमेरिका अब इस युद्ध को समाप्त करने में रुचि नहीं रखता।
यूरोप का बड़ा फैसला
यूरोप ने अब यह निर्णय लिया है कि पुतिन से जीतना संभव नहीं है, इसलिए युद्ध से बाहर निकलना ही बेहतर विकल्प है। ट्रंप की बातें सुनकर यूरोप को यह एहसास हुआ है कि अमेरिका अब हथियार बेचने में अधिक रुचि रखता है।
भारत की महत्वपूर्ण भूमिका
ट्रंप ने यह भी कहा है कि वह यूक्रेन और नाटो देशों को हथियार बेचेगा। इस बीच, यूरोपीय देशों ने भारत से युद्ध समाप्त करने के लिए बातचीत शुरू कर दी है। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने पीएम मोदी से बातचीत के बाद कहा कि भारत की भूमिका यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमें पीएम मोदी से बात करके खुशी हुई और भारत के निरंतर सहयोग का स्वागत करते हैं।