रायपुर में राष्ट्रीय आम महोत्सव: 450 किसानों ने पेश की आम की विविधता और अनोखी रेसिपी

राष्ट्रीय आम महोत्सव का आयोजन
रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी इस समय आमों की खुशबू और मिठास से भरी हुई है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय आम महोत्सव ने शहर में एक अद्वितीय उत्साह का संचार किया है।
किसानों की भागीदारी
इस महोत्सव में पूरे देश से 450 किसानों ने अपने बेहतरीन आमों की किस्में और स्वादिष्ट व्यंजन प्रदर्शित किए हैं। यह आयोजन न केवल आमों की विविधता को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि किसानों और स्थानीय समुदाय को नई तकनीकों और स्वरोजगार के अवसरों से भी जोड़ रहा है।
कुलपति का बयान
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि यह महोत्सव आम उत्पादकों को एक ऐसा मंच प्रदान करता है, जहां वे अपनी खेती की कला और उत्पादों को प्रदर्शित कर सकते हैं। छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों के किसानों ने दशहरी, लंगड़ा, आम्रपाली, चौसा, हापुस, तोतापुरी और केसर जैसे आमों की प्रदर्शनी लगाई है।
विशेष रेसिपी
छत्तीसगढ़ के किसानों द्वारा उगाए गए आमों की गुणवत्ता और स्वाद ने सभी का दिल जीत लिया है। इसके अलावा, फूड टेक्नोलॉजी डिवीजन ने आम से बनी 36 अनोखी रेसिपी जैसे आम की चटनी, बर्फी, केक, अचार, मैंगो शेक और कुल्फी पेश की हैं, जो लोगों के बीच खासा आकर्षण बटोर रही हैं।
महिलाओं के लिए विशेष पहल
महोत्सव में महिलाओं के लिए भी विशेष पहल की गई है। दिशा जैन कुकिंग सेंटर द्वारा महिलाओं को आम से उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद मिल रही है। बच्चों के लिए आयोजित फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता ने भी इस आयोजन में रंग भरे, जिससे नन्हे-मुन्नों में स्थानीय फलों के प्रति रुचि जागी।
किसानों के लिए नए अवसर
इसके साथ ही, किसानों के लिए 40,000 से 50,000 ग्राफ्टेड आम के पौधों की बिक्री की व्यवस्था की गई है, जो उन्नत खेती की तकनीकों के साथ नए अवसर प्रदान कर रही है। यह महोत्सव न केवल छत्तीसगढ़ की कृषि समृद्धि को दर्शाता है, बल्कि स्थानीय किसानों को राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने का एक शानदार प्रयास है।
स्थानीय समुदाय का गर्व
यह आयोजन रायपुर के लिए गर्व का विषय है। यह न केवल आमों की मिठास और विविधता का उत्सव है, बल्कि छत्तीसगढ़ की कृषि नवाचार और सामुदायिक विकास की भावना को भी उजागर करता है। स्थानीय लोग और किसान इस महोत्सव को एक नई शुरुआत के रूप में देख रहे हैं, जो उनकी मेहनत और हुनर को सम्मान दे रहा है।