विधायक अजीत शर्मा ने सदन में उठाया स्मार्ट मीटर का मुद्दा
भागलपुर, 29 नवंबर (हि.स.)। भागलपुर के विधायक अजीत शर्मा ने शुक्रवार को उर्जा विभाग द्वारा राज्य में उपभोक्ताओं के यहाँ लगाये जा रहे प्रीपेड मीटर में व्यापक गड़बड़ी और उपभोक्ताओं के आर्थिक शोषण का मामला सदन में उठा कर सरकार से जनहित में सकारात्मक कार्रवाई की माँग की है। विधायक शर्मा ने सदन में उर्जा मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव से जानना चाहा कि क्या यह सही है कि ईईएसाई द्वारा शहरी क्षेत्र के 18 लाख उपभोक्ताओं के यहाँ प्रीपेड मीटर लगाये गये है। नवम्बर 2023 और मई 2024 और अक्टूबर 2024 में विभागीय सर्वर फेल रहने के कारण उपभोक्तओं को अपनी बिजली खपत का सही पता नही चल सका था। जिसकी वजह से उपभोक्ताओं को एकमुश्त भारी भरकन राशि विभागीय कम्पनी को चुकाने के लिए बाध्य होना पड़ा। अपने जवाब में उर्जा मंत्री ने यह स्वीकार किया कि नवम्बर 2023, मई 2024 और अक्टूबर 2024 में सर्वर में गड़बड़ी की वजह से प्रीपेड बैलेंश में कटौती नहीं हो रही है न ही उपभोक्ता अपनी दैनिक खपत देख पा रहे थे। जिसके लिए सरकार द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी।
विधायक ने यह भी जानना चाहा कि क्या उपभोक्तओं के यहाँ लगाये जाने वाले मीटर को बिना टेस्ट के लगाये जाते हैं, जिसका खामियाजा आर्थिक रूप से उपभोक्तओं को झेलना पड़ता है। विधायक ने सदन में पूरक प्रश्न करते हुए सरकार के जबाब से असहमति जताते हुए कहा है कि क्या आईएसआई मानक के आधार पर मीटर बनाना इसके सही होने की गारंटी है। क्या मानक ब्यूरो खुद राज्य के 206 लाख उपभोक्तओं में से लगभग 54 लाख उपभोक्तओं के यहाँ लगाये गए मीटर भारतीय मानक ब्यूरो के जाँचो के उपरान्त अधिष्ठापित किया गया है। क्या सरकार के पास इसका आँकड़ा मौजूद है कि कितने मीटरों की जाँच की गई है और इसमें से कितने सही और कितने खराब पाये गये।
उन्होने कहा कि अक्टूबर, नवम्बर 2024 में जब उपभोक्तओं के यहाँ एसी बन्द रहता है फिर भी सर्वर डाउन कर अधिक बिजली बिल वसूली एवरेज बिलिंग के माध्यम से की जाती है। विधायक श्री शर्मा ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में उपभोक्तओं के साथ आर्थिक घोटाला किया जा रहा है। इसलिए सरकार को इस मामले में सदन की विशेष समिति गठित कर जाँच कराना चाहिए, लेकिन विभागीय मंत्री द्वारा इस पर कोई स्पष्ट जबाव नही दिया जा सका। विधायक श्री शर्मा ने कहा कि इसकी वजह से पूरे राज्य के विद्युत उपभोक्तओं में भारी असंतोष और रोश है। यह कोई राजनीतिक मामला नहीं बल्कि जनता के आर्थिक शोषण का मामला है। अतः सरकार को इस पर संतोष पूर्ण जबाब देना होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर