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शरद पूर्णिमा पर खीर के स्वास्थ्य लाभ

शरद पूर्णिमा का पर्व 6 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जिसमें खीर का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, चंद्रमा की रोशनी में रखी गई खीर में अमृत के समान गुण होते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि खीर का सेवन करने से स्वास्थ्य को क्या-क्या लाभ मिलते हैं, जैसे पाचन तंत्र को मजबूत करना, इम्यूनिटी बढ़ाना, ऊर्जा प्रदान करना, और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करना।
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शरद पूर्णिमा पर खीर के स्वास्थ्य लाभ

शरद पूर्णिमा का महत्व और खीर का सेवन

सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है, जो इस वर्ष 6 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से खीर में अमृत के समान गुण समाहित हो जाते हैं। शरद पूर्णिमा की रात खीर का सेवन करने से सेहत को कई लाभ मिलते हैं। आइए जानते हैं कि खीर का सेवन करने से स्वास्थ्य को क्या-क्या फायदे होते हैं।


खीर खाने के स्वास्थ्य लाभ

मजबूत पाचन तंत्र


खीर में दूध और चावल होते हैं, जो आसानी से पचने वाले होते हैं और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं। दूध में लैक्टोज और प्रोटीन होते हैं, जो पेट को शांत करते हैं। वहीं, चावल में मौजूद स्टार्च कब्ज और अपच जैसी समस्याओं को दूर करता है।


प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती


खीर में मेवे जैसे बादाम, काजू, पिस्ता और केसर डालने से इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद मिलती है। ड्राई फ्रूट्स में विटामिन ई, जिंक और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं। केसर में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो बीमारियों से लड़ने में सहायक होते हैं।


ऊर्जा का स्रोत


खीर खाने से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है। इसमें चावल से कार्बोहाइड्रेट और दूध से प्रोटीन और फैट होते हैं, जो शरीर की ताकत और ऊर्जा को बढ़ाते हैं। चीनी भी तुरंत ग्लूकोज प्रदान करती है, जिससे थकान कम होती है।


त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद


खीर में दूध और मेवे होते हैं, जो त्वचा को निखारते हैं और बालों को मजबूत बनाते हैं। दूध में कैल्शियम और प्रोटीन होते हैं, जो त्वचा को पोषण देते हैं। मेवों में ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन ई होते हैं, जो त्वचा को नमी और बालों को मजबूती प्रदान करते हैं।


मानसिक स्वास्थ्य में सुधार


शरद पूर्णिमा की खीर खाने से तनाव और चिंता को कम करने में मदद मिलती है। दूध में ट्रिप्टोफैन नामक अमीनो एसिड होता है, जो सेरोटोनिन के उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे मूड बेहतर होता है। केसर भी मूड को सुधारने में सहायक होता है।