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संबलपुर में सेबों से बनी गणेश प्रतिमा का अनोखा उत्सव

संबलपुर के नटराज क्लब ने गणेशोत्सव के अवसर पर 26 फीट ऊंची प्रतिमा को सेबों से तैयार किया है। यह अनोखी प्रतिमा न केवल श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रही है, बल्कि स्वास्थ्य के महत्व का संदेश भी दे रही है। क्लब की यह पहल समाजसेवा और भक्ति का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करती है। जानें इस विशेष उत्सव के बारे में और कैसे क्लब ने इसे यादगार बनाया है।
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संबलपुर में सेबों से बनी गणेश प्रतिमा का अनोखा उत्सव

गणेशोत्सव की अनोखी तैयारी

गणेशोत्सव के लिए देशभर में तैयारियां चल रही हैं, लेकिन संबलपुर के क्षेत्तरायपुर स्थित नटराज क्लब ने एक अनोखी पहचान बनाई है। क्लब ने भगवान गणेश की 26 फीट ऊंची प्रतिमा पूरी तरह से सेबों से तैयार की है। यह प्रतिमा न केवल श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रही है, बल्कि समाज में स्वास्थ्य और संतुलित जीवन का संदेश भी फैला रही है।


स्वर्ण जयंती का खास अवसर

नटराज क्लब इस वर्ष अपनी गणेश पूजा की स्वर्ण जयंती मना रहा है। इस विशेष अवसर को यादगार बनाने के लिए क्लब ने सेबों से प्रतिमा बनाने का निर्णय लिया। सेब को स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है और यह भगवान गणेश की प्रिय भेंटों में से एक है। लाल और हरे रंग के सेबों से सजी यह प्रतिमा न केवल भव्य है, बल्कि लोगों को स्वास्थ्य के महत्व की भी याद दिलाती है।


सदस्यों की मेहनत और समर्पण

इस प्रतिमा के निर्माण में किसी पेशेवर कलाकार की सहायता नहीं ली गई है। क्लब के 15 से 16 स्थानीय सदस्य, जो व्यवसायी हैं, पिछले दो महीनों से लगातार मेहनत कर रहे हैं। वरिष्ठ सदस्य गोपाल पंसारी ने बताया कि इस विचार को तीन साल पहले सोचा गया था और अब इसे स्वर्ण जयंती पर साकार किया गया है। उन्होंने कहा, 'हमारा लक्ष्य इस बार कुछ असाधारण करने का था ताकि यह पल हमेशा याद रहे।'


चंदा न लेने की परंपरा

नटराज क्लब की एक विशेष परंपरा है कि यह किसी प्रकार का चंदा नहीं लेता और न ही कोई निश्चित बजट बनाता है। आयोजन का पूरा खर्च सदस्य स्वयं उठाते हैं। पहले भी क्लब ने केले, लड्डुओं और नारियल जैसे विभिन्न सामग्रियों से गणेश प्रतिमाएं बनाकर सामाजिक संदेश दिए हैं। इस बार सेब से बनी प्रतिमा स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का प्रतीक है।


भक्ति और सामाजिक संदेश

क्लब के वरिष्ठ सदस्य शिव कुमार राठी ने बताया कि प्रतिमा बनाने के दौरान सदस्य दिन-रात मेहनत करते हैं और कभी-कभी नींद तक छोड़ देते हैं। उनके अनुसार, 'हमारा समर्पण ही हमें प्रेरित करता है। इस बार हमने सेबों को चुना है ताकि लोगों को अच्छे स्वास्थ्य का महत्व समझा सकें। उत्सव समाप्त होने के बाद ये सेब जरूरतमंदों में बांटे जाएंगे।' इस प्रकार नटराज क्लब भक्ति और समाजसेवा दोनों को एक साथ जोड़ रहा है।