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सोनीपत नगर निगम भवन निर्माण में देरी, 28 करोड़ की और आवश्यकता

सोनीपत में नगर निगम के नए भवन का निर्माण कार्य 58 करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद अधूरा है। अब निगम ने शेष कार्य के लिए 28 करोड़ रुपये की और मांग की है। इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है, लेकिन रिकॉर्ड न मिलने के कारण जांच में देरी हो रही है। अधिकारी विभिन्न स्थानों पर बिखरे हुए हैं, जिससे जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को एक छत के नीचे लाने का आदेश दिया था, लेकिन भवन का अधूरा होना इस प्रक्रिया में बाधा डाल रहा है।
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सोनीपत नगर निगम भवन निर्माण में देरी, 28 करोड़ की और आवश्यकता

सोनीपत में नगर निगम भवन का निर्माण

सोनीपत समाचार, (सोनीपत) : सोनीपत में नगर निगम के नए भवन के निर्माण पर अब तक 58 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन अभी भी 15% कार्य अधूरा है। निगम ने शेष कार्य पूरा करने के लिए 28 करोड़ रुपये की और मांग की है। इस मामले की जांच के लिए शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने 25 जुलाई 2025 को चार सदस्यीय समिति का गठन किया था, जो खर्च और कार्य की गुणवत्ता की जांच कर रही है। हालांकि, डेढ़ महीने बाद भी रिकॉर्ड न मिलने के कारण जांच पूरी नहीं हो पाई है। समिति को अब 2-3 सप्ताह और लगेंगे। इस देरी के कारण भवन का कार्य भी ठप पड़ा है।


जांच की प्रक्रिया

जांच में क्या हो रहा है?

समिति भवन निर्माण से संबंधित रिकॉर्ड, बजट खर्च, समय-समय पर बढ़ी डेडलाइन और देरी के कारणों की जांच कर रही है। यह भी देखा जा रहा है कि मांगे गए 28 करोड़ रुपये का बजट उचित है या नहीं। समिति के अध्यक्ष विजय ढाका ने बताया कि रिकॉर्ड जुटाने में समय लग रहा है, और रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में 2-3 सप्ताह और लगेंगे। इसके बाद ही मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी जाएगी।


जनता की परेशानियाँ

अधिकारी बिखरे हुए, जनता परेशान

नगर निगम के अधिकारी चार अलग-अलग स्थानों पर कार्यरत हैं। आयुक्त और मेयर रेलवे रोड के पुराने भवन में, इंजीनियरिंग विंग सेक्टर-23 के फायर ऑफिस में (4 किमी दूर), हॉर्टिकल्चर विंग सेक्टर-3 के फायर ऑफिस में (6 किमी दूर), और बिल्डिंग ब्रांच मॉडल टाउन में (1 किमी दूर) हैं। पुराने भवन में न तो पार्किंग है और न ही लोगों के बैठने की जगह। एक कमरे में दो अधिकारी काम कर रहे हैं, जिससे लोगों को काम कराने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है।


मुख्यमंत्री का आदेश

मुख्यमंत्री के आदेश का इंतजार

मुख्यमंत्री ने नगर निगम और SMDA के अधिकारियों को एक छत के नीचे लाने का निर्देश दिया था, ताकि शहर का विकास तेजी से हो सके और लोगों को सुविधाएँ मिल सकें। लेकिन नए भवन के अधूरे होने के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है। 2018 में शुरू हुए इस 5 मंजिला भवन के लिए पहले 52 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया था, जो बढ़कर 58 करोड़ हो गया। फिर भी कार्य रुका हुआ है और अब 28 करोड़ की और आवश्यकता है।