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हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भगदड़: 6 की मौत, 30 घायल

हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में रविवार को एक भयानक भगदड़ हुई, जिसमें 6 लोगों की जान चली गई और 30 अन्य घायल हो गए। राहत कार्य जारी है, लेकिन मंदिर तक पहुँचने में कठिनाइयाँ आ रही हैं। इस घटना का मुख्य कारण भारी भीड़ और सुरक्षा की कमी बताई जा रही है। जानें इस घटना के पीछे की वजहें और मंदिर की स्थिति के बारे में अधिक जानकारी।
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हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भगदड़: 6 की मौत, 30 घायल

मनसा देवी मंदिर में हुई भगदड़

मनसा देवी मंदिर में भगदड़: उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित मनसा देवी मंदिर में रविवार सुबह एक गंभीर भगदड़ की घटना हुई। इस हादसे में 6 लोगों की जान चली गई और 25 से 30 लोग घायल हुए हैं। राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी है, लेकिन इसमें कई चुनौतियाँ आ रही हैं। मुख्य समस्या यह है कि मंदिर तक पहुँचने का कोई सीधा मार्ग नहीं है। हालांकि, रोपवे की व्यवस्था की गई है, जिसके माध्यम से घायलों को नीचे लाया गया है।


सीढ़ियों में भगदड़ की संभावनाएँ

मंदिर में हुई इस घटना का मुख्य कारण भारी भीड़ को माना जा रहा है। आइए जानते हैं कि मंदिर तक पहुँचने का रास्ता और पहाड़ी पर बने मंदिर की स्थिति क्या है। मंदिर तक पहुँचने के लिए सीढ़ियाँ बनाई गई हैं, जो पहाड़ी को काटकर बनाई गई हैं। चढ़ाई के दौरान भीड़ का कोई बड़ा मुद्दा नहीं होता, क्योंकि सीढ़ियाँ खड़ी हैं और भक्त आराम से चढ़ते हैं। लेकिन मंदिर तक पहुँचने के बाद असली समस्या शुरू होती है। गढ़वाल के डीसी ने बताया कि सीढ़ियों में करंट जैसी कोई समस्या नहीं है, लेकिन करंट फैलने की अफवाह के कारण हादसा हो सकता है।


क्राउड मैनेजमेंट की कमी

मंदिर के परिसर में पहुँचने के बाद भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। जहाँ भक्तों की लाइनें शुरू होती हैं, वहाँ केवल एक-दो पुलिसकर्मी होते हैं, जो कभी-कभी ही नजर आते हैं। इस कारण, मंदिर में प्रवेश के समय तीन कतारें बन जाती हैं, जहाँ भक्त कुछ मीटर की दूरी पर ही माता के दर्शन करते हैं। गर्भगृह के सामने पहुँचने से पहले एक संकरा रास्ता होता है, जहाँ सुरक्षाकर्मियों की आवश्यकता होती है, लेकिन वहाँ कोई सुरक्षा नहीं होती। इस स्थिति में, लोग एक साथ गर्भगृह की ओर बढ़ते हैं, जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है।