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हरियाणा के नूंह में 17 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म: आरोपी गिरफ्तार करने की कार्रवाई जारी

हरियाणा के नूंह जिले में एक 17 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने सभी को हिला कर रख दिया है। आरोपियों ने पीड़िता को कई महीनों तक ब्लैकमेल किया और एक भयावह रात उसे बंधक बना लिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। इस घटना ने नाबालिगों और महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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हरियाणा के नूंह में 17 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म: आरोपी गिरफ्तार करने की कार्रवाई जारी

नूंह में दिल दहला देने वाली घटना

नूंह: हरियाणा के नूंह जिले में एक 17 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ उसके गांव के तीन युवकों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म की एक गंभीर घटना सामने आई है। आरोपियों ने पीड़िता को पहले से जानने के कारण कई महीनों से एक आपत्तिजनक वीडियो के जरिए उसे ब्लैकमेल किया था।


ब्लैकमेलिंग का सिलसिला

पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार, आरोपियों वसीम, अफरोज और एक अन्य वसीम ने पीड़िता को जबरन एक मोबाइल फोन दिया। वे उसे लगातार संपर्क में रहने के लिए मजबूर करते थे और संपर्क तोड़ने पर वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देते थे। इस कारण पीड़िता डर के मारे उनकी बात मानती रही।


भयावह रात की घटना

शुक्रवार की रात, आरोपियों में से एक ने फोन पर परिवार की इज्जत खराब करने की धमकी देकर लड़की को घर से बाहर बुलाया। उसे गांव के बाहर खेतों में स्थित एक ट्यूबवेल पर ले जाकर तीनों ने बारी-बारी से यौन उत्पीड़न किया और रात भर बंधक रखा। जब वह देर रात तक घर नहीं लौटी, तो परिवार ने उसकी तलाश की, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। अगली सुबह करीब 11 बजे वह घर पहुंची और रोते हुए अपनी आपबीती सुनाई।


परिवार को भी मिली धमकियां

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपियों के परिवार ने भी पीड़िता और उसके पिता को धमकियां दी थीं। इससे परिवार डरा हुआ था, लेकिन अंततः पिता ने हिम्मत जुटाकर सदर तौरू पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। शनिवार को एफआईआर दर्ज की गई।


कानूनी कार्रवाई और जांच

इस मामले में पॉक्सो एक्ट और भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। इसमें सामूहिक दुष्कर्म, आपराधिक धमकी और गलत तरीके से कैद करने जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। पुलिस तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।


पीड़िता की गोपनीयता का ध्यान

यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए पीड़िता की पहचान गुप्त रखी गई है। यह घटना एक बार फिर नाबालिगों और महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाती है। समाज और कानून व्यवस्था को ऐसे अपराधों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।