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हरियाणा के सरकारी स्कूलों की दयनीय स्थिति पर आम आदमी पार्टी का कड़ा हमला

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने हरियाणा के सरकारी स्कूलों की दयनीय स्थिति पर भाजपा सरकार को कठोर आलोचना की है। उन्होंने बताया कि कड़ाके की ठंड में बच्चे फर्श पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। शिक्षा विभाग की योजनाओं का कोई असर नहीं दिख रहा है, और शिक्षकों की भारी कमी भी समस्या को बढ़ा रही है। ढांडा ने सरकार से मांग की है कि बच्चों की स्थिति में सुधार लाने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
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हरियाणा में शिक्षा व्यवस्था की गंभीर स्थिति


चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने रविवार को हरियाणा के सरकारी स्कूलों की चिंताजनक स्थिति पर भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि इस समय हरियाणा में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, तापमान 5 से 8 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका है, फिर भी हजारों बच्चे सरकारी स्कूलों में टाट-पट्टी या सीधे फर्श पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। यह केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य और भविष्य के साथ अन्याय है।


अनुराग ढांडा ने बताया कि शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी स्कूलों में 'डुअल डेस्क' की आवश्यकता का सत्यापन किया था और 5 मार्च 2025 तक डिमांड रिपोर्ट भी मांगी गई थी। सरकार ने वादा किया था कि बच्चों को जमीन पर नहीं बैठना पड़ेगा, लेकिन दिसंबर 2025 तक स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। सवाल यह है कि डुअल डेस्क की योजना कहां गई? क्या भाजपा सरकार के लिए बच्चों की समस्याएं केवल कागजों तक सीमित हैं?


उन्होंने कहा कि जमीनी रिपोर्टों से स्पष्ट है कि कई सरकारी स्कूलों में न तो पर्याप्त कमरे हैं, न ही टूटे दरवाजे-खिड़कियां ठीक की गई हैं और न ही ठंड से बचाने के लिए कोई व्यवस्था है। कई स्कूलों में बच्चे बरामदों में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि कुछ बिना खिड़की वाले कमरों में ठंडी हवा के बीच फर्श पर बैठने को मजबूर हैं। हीटर, गर्म पानी या ठंड से बचाव की बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं।


अनुराग ढांडा ने कहा कि स्थिति इतनी खराब है कि कई स्थानों पर 600 बच्चों के लिए केवल 3-4 कमरे हैं। कहीं 350 से अधिक बच्चे खुले में प्रार्थना और कक्षाएं करने को मजबूर हैं। कई सरकारी प्राथमिक स्कूलों के पास अपना भवन नहीं है और वे दूसरे स्कूलों में शिफ्ट होकर चल रहे हैं। यह हरियाणा की शिक्षा व्यवस्था की वास्तविक तस्वीर को दर्शाता है।


उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बताएं, जब छोटे बच्चे ठंड में फर्श पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं, तब सरकार क्या कर रही है? क्या यही भाजपा का 'हरियाणा मॉडल' और 'वर्ल्ड क्लास एजुकेशन' है, जिसकी बातें मंचों से की जाती हैं?


अनुराग ढांडा ने कहा कि स्थिति इसलिए भी गंभीर है क्योंकि राज्य में शिक्षकों की भारी कमी है। लगभग 30 हजार से अधिक शिक्षक पद खाली हैं। कई जिलों में 400-500 छात्रों के लिए केवल एक शिक्षक है। लगभग 90 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में हेडमास्टर नहीं हैं, जिससे न बच्चों को सही मार्गदर्शन मिल पा रहा है और न ही स्कूलों का संचालन सही तरीके से हो रहा है। स्थायी भर्ती के बजाय सरकार हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से अस्थायी व्यवस्था चला रही है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आ रही है।


आम आदमी पार्टी ने मांग की है कि सरकार तुरंत सभी सरकारी स्कूलों में डुअल डेस्क उपलब्ध कराए, बच्चों को फर्श पर बैठने की मजबूरी से बाहर निकाले, खाली पड़े शिक्षक और हेडमास्टर के पद तुरंत भरे, स्कूल भवनों की मरम्मत कराए और ठंड के मौसम में बच्चों की सुरक्षा के लिए आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करे।


अनुराग ढांडा ने कहा: आम आदमी पार्टी हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की आवाज बनकर इस मुद्दे को हर प्रदेशवासी तक पहुंचाएगी। बच्चों का भविष्य फाइलों और घोषणाओं में नहीं, बल्कि सुरक्षित, सम्मानजनक और बेहतर कक्षाओं में बनना चाहिए।