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हरियाणा के सरपंचों के लिए अध्ययन दौरे का आयोजन

हरियाणा सरकार ने पंचायतों को मजबूत करने के लिए सरपंचों को अध्ययन दौरे पर भेजने का निर्णय लिया है। यह दौरा 17 नवंबर से शुरू होकर 26 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें 22 जिलों से 1747 प्रतिनिधियों का चयन किया गया है। इस दौरे का उद्देश्य अन्य राज्यों की सफल ग्राम पंचायतों के मॉडल को समझना और उन्हें हरियाणा के गांवों में लागू करना है। जानें इस दौरे के दौरान किन 9 विकास लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
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हरियाणा के सरपंचों के लिए अध्ययन दौरे का आयोजन

हरियाणा सरपंच समाचार

हरियाणा सरपंच समाचार: हरियाणा सरकार ने पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विकास एवं पंचायत विभाग ने पुनर्गठित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत राज्य के सरपंचों को राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के अध्ययन दौरे पर भेजने का निर्णय लिया है।


इस दौरे का उद्देश्य

दूसरे राज्यों की सफल ग्राम पंचायतों के कार्यप्रणाली को समझना और वहां के प्रभावी मॉडल को हरियाणा के गांवों में लागू करना है, ताकि पंचायतों की आय में वृद्धि हो और विकास कार्यों की गति तेज हो सके।


22 जिलों से 1747 प्रतिनिधियों का चयन

इस अध्ययन दौरे के लिए 22 जिलों की 1747 ग्राम पंचायतों से समान संख्या में प्रतिनिधियों का चयन किया गया है। इनमें शामिल हैं—


948 पुरुष प्रतिनिधि


799 महिला प्रतिनिधि


ये सभी मिलकर गांवों के विकास की दिशा तय करेंगे।


दौरा 6 चरणों में, 17 नवंबर से 26 दिसंबर तक

सरपंचों का यह दौरा 17 नवंबर से प्रारंभ हो चुका है और 26 दिसंबर तक जारी रहेगा।
प्रतिनिधियों को 6 अलग-अलग चरणों में भेजा जाएगा, ताकि सभी को विस्तार से सीखने का अवसर मिल सके।


इस दौरान जनप्रतिनिधि विकास से जुड़े 9 प्रमुख विषयों पर समझेंगे कि अन्य राज्यों ने अपने गांवों को मॉडल बनाने के लिए कौन-कौन से नवाचार अपनाए हैं।


इन 9 विकास लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित

इन स्थानीय सतत विकास लक्ष्यों को प्राथमिकता दी जाएगी—


गरीबी मुक्त और आजीविका संपन्न पंचायत


स्वस्थ गांव


बाल हितैषी गांव


जल पर्याप्त गांव


स्वच्छ और हरा-भरा गांव


आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे वाला गांव


सामाजिक रूप से न्यायसंगत और सुरक्षित गांव


सुशासन वाली पंचायत


महिला हितैषी पंचायत


दौरे का उद्देश्य इन सभी लक्ष्यों के लिए बेहतर मॉडल अपनाना है, जिससे हरियाणा के गांव आने वाले समय में और अधिक विकसित और आत्मनिर्भर बन सकें।