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हरियाणा में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं

हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने अंबाला छावनी क्षेत्र में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाओं की घोषणा की है। उन्होंने 2600 एकड़ भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की बात कही है, जिससे नए औद्योगिक क्षेत्र और लॉजिस्टिक पार्क का विकास होगा। यह कदम क्षेत्रीय औद्योगिक ढांचे को मजबूत करेगा और हजारों रोजगार के अवसर पैदा करेगा। उद्यमियों ने भी सरकार से भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।
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हरियाणा में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं

औद्योगिक क्षेत्र में नई पहल

हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन और श्रम मंत्री अनिल विज ने अंबाला छावनी क्षेत्र में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए ठोस कदमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि साहा इंडस्ट्रियल एरिया के पास लगभग 2600 एकड़ भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द ही फिर से शुरू की जाएगी।


नए औद्योगिक क्षेत्र और लॉजिस्टिक पार्क का विकास

इस भूमि पर एक नया औद्योगिक क्षेत्र और लॉजिस्टिक पार्क विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही, रेलवे द्वारा एक फ्रेट टर्मिनल बनाने की प्रक्रिया भी चल रही है। इन सभी परियोजनाओं के एक साथ विकसित होने से उद्यमों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, जिससे क्षेत्रीय औद्योगिक ढांचे को मजबूती मिलेगी और हजारों नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।


भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी

ऊर्जा मंत्री ने अंबाला के उपायुक्त को निर्देश दिए कि 2600 एकड़ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि चुनावों के कारण यह प्रक्रिया पहले रुकी हुई थी, लेकिन अब इसे तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। कई किसान इस भूमि को सरकार को देने के लिए इच्छुक हैं और इसके लिए पहले ही ई-भूमि पोर्टल पर आवेदन कर चुके हैं।


उद्यमियों का समर्थन

इस अवसर पर उद्यमियों ने मंत्री से अनुरोध किया कि यदि सरकार उन्हें साहा इंडस्ट्रियल एरिया के पास भूमि उपलब्ध कराए, तो वे अपने उद्योग स्थापित करने के लिए तैयार हैं। मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार उनके हितों का ध्यान रखकर कार्य कर रही है।


क्षेत्रीय उद्योगों के लिए लाभकारी योजनाएं

विज ने कहा कि साहा में औद्योगिक क्षेत्र, लॉजिस्टिक पार्क और फ्रेट टर्मिनल का आपसी तालमेल क्षेत्रीय उद्योगों के लिए एक वरदान साबित होगा। इससे उत्पादन, परिवहन और निर्यात संबंधी गतिविधियों को नई गति मिलेगी और निवेशकों को अधिक सुविधाएं प्राप्त होंगी।