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हरियाणा में किसानों के लिए मुआवजे की नई योजना: 200% तक का लाभ

हरियाणा सरकार ने किसानों और भूमि मालिकों के लिए एक नई मुआवजा योजना की घोषणा की है, जिसमें हाईटेंशन बिजली तारों के नीचे की भूमि के लिए 60% और ट्रांसमिशन टावरों के लिए 200% मुआवजा दिया जाएगा। यह कदम किसानों के लिए आर्थिक सहायता के साथ-साथ बिजली कंपनियों के साथ विवादों को सुलझाने में मदद करेगा। जानें इस योजना के बारे में और कैसे इसका लाभ उठाया जा सकता है।
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हरियाणा में किसानों के लिए मुआवजे की नई योजना: 200% तक का लाभ

हरियाणा सरकार का बड़ा ऐलान

हरियाणा में मुआवजे की नई योजना: सैनी सरकार का बड़ा कदम हरियाणा के किसानों और भूमि मालिकों के लिए सैनी सरकार ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। अब गुरुग्राम, फरीदाबाद और अन्य 11 नगर निगम क्षेत्रों में उन व्यक्तियों को 60% मुआवजा मिलेगा, जिनकी भूमि पर हाईटेंशन बिजली के तार गुजरते हैं।


इसके अतिरिक्त, जिन खेतों में ट्रांसमिशन टावर स्थापित हैं, वहां के किसानों को भूमि की कीमत का 200% मुआवजा प्रदान किया जाएगा। यह निर्णय न केवल भूमि मालिकों के लिए आर्थिक सहायता है, बल्कि यह किसानों और बिजली कंपनियों के बीच लंबे समय से चल रहे विवादों को भी सुलझाने में मदद करेगा। हरियाणा में मुआवजा


मुआवजे की दरें भूमि के सर्किल रेट या कलेक्टर रेट के आधार पर निर्धारित की जाएंगी। यदि किसी क्षेत्र में भूमि का बाजार मूल्य सर्किल रेट से अधिक है, तो मुआवजे की गणना के लिए विशेष भूमि दर तय की जाएगी।


इस प्रक्रिया के लिए जिला स्तर पर एक समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें डीसी या उनके द्वारा नामित अधिकारी (उप-विभागीय मजिस्ट्रेट से कम रैंक नहीं) अध्यक्ष होंगे। समिति में भूमि मालिकों का प्रतिनिधि, ट्रांसमिशन कंपनी का अधिकारी, और हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के बिजली अधीक्षण अभियंता शामिल होंगे। नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में 45% और ग्रामीण क्षेत्रों में 30% मुआवजा दिया जाएगा।


यह कदम हरियाणा सरकार की पारदर्शी और किसान हितैषी नीतियों को दर्शाता है। पहले ट्रांसमिशन टावरों के लिए 100% मुआवजा दिया जाता था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 200% करने से किसानों को बड़ा आर्थिक लाभ होगा। यह योजना न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी, बल्कि बिजली ढांचे के विकास में भी सहायक होगी।


भूमि मालिकों से अनुरोध है कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और समिति के साथ सहयोग करें ताकि मुआवजा प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी हो सके। यह घोषणा हरियाणा के विकास और किसान कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।