हरियाणा में गरीबों के लिए नई प्लॉट योजना: किस्तों में भुगतान की व्यवस्था

हरियाणा की नई प्लॉट नीति
हरियाणा में गरीबों के लिए नई नीति: 100-गज के प्लॉट के लिए अब किस्तों का भुगतान करना होगा: हरियाणा सरकार ने महात्मा गांधी ग्राम बस्ती योजना में महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिससे गरीबों के लिए मुफ्त प्लॉट प्राप्त करना अब कठिन हो गया है।
पहले इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, पिछड़ा वर्ग, और अनुसूचित जाति के लोगों को ग्रामीण क्षेत्रों में 100-100 गज के प्लॉट मुफ्त में दिए जाते थे। अब सरकार ने यह निर्णय लिया है कि लाभार्थियों को हरियाणा हाउसिंग विभाग को किस्तों में भुगतान करना होगा। यह परिवर्तन ग्रामीणों के लिए नई चुनौतियाँ पेश कर सकता है, लेकिन साथ ही यह सुनिश्चित करेगा कि उन्हें बेहतर सुविधाओं के साथ प्लॉट मिलें।हरियाणा प्लॉट योजना
महात्मा गांधी ग्राम बस्ती योजना की शुरुआत 2009 में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को पंचायती जमीन पर मुफ्त प्लॉट देकर उनके जीवन स्तर को सुधारना था। अब सरकार इस योजना के दूसरे चरण को नए नियमों के साथ लागू करने जा रही है।
अब केवल वे लोग आवेदन कर सकते हैं जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम है। हरियाणा हाउसिंग विभाग ने पंचायती जमीन को सर्कल रेट पर खरीदकर उस पर सड़क, बिजली, पानी, सीवरेज, और पक्की गलियों जैसी सुविधाएं विकसित करने की योजना बनाई है।
नए नियमों के अनुसार, प्लॉट आवंटन से पहले हाउसिंग विभाग जमीन को तैयार करेगा और फिर 100-100 गज के प्लॉट वितरित किए जाएंगे। लाभार्थियों को इनकी कीमत किस्तों में चुकानी होगी।
फरीदाबाद, तिगांव, और बल्लभगढ़ के कई गांवों में यह योजना लागू हो चुकी है। फरीदाबाद के फतेहपुर तगा, धौज, और खोरी जमालपुर जैसे गांवों के साथ-साथ तिगांव के इमामुद्दीनपुर और बल्लभगढ़ के छांयसा, दयालपुर जैसे गांवों में इस योजना को मंजूरी मिली है। यह कदम ग्रामीणों को बेहतर आवास सुविधा प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
आवेदन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए ग्राम स्तर पर एक समिति पहले आवेदनों की जांच करेगी। इसके बाद खंड स्तर और जिला परिषद की समिति अंतिम मंजूरी देगी।
फरीदाबाद के जिला पंचायत एवं विकास अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि सभी आवेदन ऑनलाइन हैं, और जल्द ही पात्र लाभार्थियों को प्लॉट आवंटित किए जाएंगे। यह योजना ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम है, लेकिन किस्तों की शर्त ने कई गरीब परिवारों के लिए सवाल खड़े किए हैं।