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हरियाणा में नई रेलवे लाइन का निर्माण: 126 किलोमीटर का रेल कॉरिडोर

हरियाणा में एक नई रेलवे लाइन और ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है, जो दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में यातायात दबाव को कम करेगा। यह 126 किलोमीटर लंबा रेल कॉरिडोर पलवल से मानेसर और सोनीपत तक फैला होगा, जिसमें कई प्रमुख रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना का बजट लगभग 5700 करोड़ रुपये है, और इसके पूरा होने से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जिससे आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
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हरियाणा में नई रेलवे लाइन का निर्माण: 126 किलोमीटर का रेल कॉरिडोर

हरियाणा में नई रेलवे लाइन का महत्व

हरियाणा में एक नई रेलवे लाइन और हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (HORC) का निर्माण किया जाएगा, जिससे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में यातायात का दबाव कम होगा। यह नया रेल कॉरिडोर यात्रियों के लिए यात्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाएगा, विशेषकर IMT मानेसर और उसके आसपास के क्षेत्रों में।


रेल कॉरिडोर की लंबाई और विशेषताएँ

यह रेल कॉरिडोर पलवल से मानेसर और सोनीपत तक फैला होगा, जिसकी कुल लंबाई 126 किलोमीटर होगी। इस परियोजना का पहला खंड धुलावट से बादशाह तक होगा, जिसमें 29.5 किलोमीटर लंबी इलेक्ट्रिक दोहरी ट्रैक लाइन शामिल होगी। यह लाइन नूंह और गुरुग्राम जिलों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे इन क्षेत्रों को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ा जा सकेगा।


नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण

इस कॉरिडोर के अंतर्गत कई प्रमुख रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जैसे सोनीपत, तुर्कपुर, खरखौदा, जसौर खेड़ी, मांडौठी, बादली, देवरखाना, बाढ़सा, न्यू पातली, पचगांव, IMT मानेसर, चंदला डूंगरवास, धुलावट, सोहना, सिलानी और न्यू पलवल। इन स्टेशनों के निर्माण से क्षेत्रीय यातायात में सुधार होगा और अधिक लोग रेलवे सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।


परियोजना का बजट और लाभ

इस परियोजना का कुल बजट लगभग 5700 करोड़ रुपये है, और इसके पूरा होने से दिल्ली-एनसीआर के ट्रैफिक दबाव में कमी आएगी। विशेष रूप से पलवल, गुरुग्राम, नूंह, झज्जर और सोनीपत जिलों को इससे सीधा लाभ होगा, जिससे इन क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी और यातायात के विकल्प उपलब्ध होंगे। यह परियोजना न केवल यात्रा के समय को कम करेगी, बल्कि इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास में भी सहायक होगी।