हिसार में बारिश से फसलों को भारी नुकसान, सरकार ने राहत उपाय शुरू किए

हिसार में फसल क्षति का आकलन
हिसार फसल क्षति, (हिसार) : हिसार जिले में हुई भारी बारिश और जलभराव ने किसानों की मेहनत पर बुरा असर डाला है। कृषि विभाग की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, 5.76 लाख एकड़ में फसलें प्रभावित हुई हैं। धान और कपास को सबसे अधिक नुकसान हुआ है, जिसमें धान 2.55 लाख एकड़ और कपास 1.87 लाख एकड़ में बर्बाद हुई हैं। इसके अलावा, बाजरा, मूंग, ग्वार और अन्य फसलों को भी गंभीर नुकसान पहुंचा है। राजस्व विभाग भी इस नुकसान का आकलन कर रहा है। कैबिनेट मंत्री रणबीर सिंह गंगवा ने आश्वासन दिया है कि सरकार सभी प्रभावित किसानों और आम लोगों को राहत प्रदान करेगी, ताकि उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल की शुरुआत
ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल शुरू
किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने एक ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल की शुरुआत की है। अब तक हिसार के 276 गांवों के 40,433 किसानों ने 2,55,491 एकड़ भूमि में फसल नुकसान का पंजीकरण कराया है। यह पोर्टल किसानों को मुआवजा दिलाने में सहायता करेगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत प्रदान की जाएगी, और इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
फसलों पर बारिश का प्रभाव
फसलों पर बारिश का असर
कृषि कॉलेज, एचएयू के पूर्व डीन डॉ. आरके पान ने बताया कि इस वर्ष मानसून में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। कई गांवों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। धान के खेतों में पत्ते पानी में डूबने से प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया बाधित हो गई है, जिसके लिए पानी निकासी आवश्यक है। कपास की फसल पूरी तरह बर्बाद हो सकती है, क्योंकि बारिश से टिंडे गिर गए हैं और गुलाबी सुंडी का खतरा बढ़ गया है। बाजरा, मूंग, ग्वार और मौसमी सब्जियों को भी भारी नुकसान हुआ है। बागवानी फसलों पर भी बारिश का नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
किसानों की चिंताएं
किसानों की चिंता
हिसार के गांव कैमरी में किसान सुभाष चंद्र जैसे कई लोग अपनी बर्बाद फसलों को देखकर चिंतित हैं। खेतों में पानी जमा होने से फसलें खराब हो रही हैं, और किसानों की सालभर की मेहनत बेकार जा रही है। प्रशासन और कृषि विभाग से पानी निकासी और मुआवजे की मांग तेज हो रही है।