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खरमास: जानें क्यों नहीं होते शुभ कार्य इस दौरान?

खरमास, जो सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने पर शुरू होता है, में मांगलिक कार्यों पर रोक लगाई जाती है। जानें इसके पीछे के धार्मिक और वैज्ञानिक कारण। इस अवधि में विवाह, गृह प्रवेश और अन्य शुभ कार्यों को करने से मना किया जाता है। जानिए क्यों यह समय शुभ कार्यों के लिए अनुकूल नहीं माना जाता है।
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खरमास का महत्व और मान्यताएँ

खरमास: जानें क्यों नहीं होते शुभ कार्य इस दौरान?


ज्योतिष: हिंदू पंचांग के अनुसार, जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है, तब खरमास की शुरुआत होती है। इस अवधि में मांगलिक और शुभ कार्यों को करने से मना किया जाता है। विशेष रूप से विवाह, गृह प्रवेश, नए वाहन की खरीद, और मुंडन जैसे कार्यों पर एक महीने के लिए रोक लगाई जाती है।


खरमास का अंत तब होता है जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, जिसे मकर संक्रांति कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि खरमास में शुभ कार्यों पर रोक क्यों है? आइए इसके धार्मिक और वैज्ञानिक कारणों को समझते हैं।


धार्मिक मान्यताएँ

धार्मिक दृष्टिकोण से, खरमास में मांगलिक कार्यों पर रोक का कारण यह है कि वैदिक ज्योतिष में गुरु को सभी शुभ कार्यों का प्रतिनिधि ग्रह माना जाता है। जब सूर्य गुरु की राशियों, धनु और मीन में प्रवेश करता है, तो गुरु की शक्ति कम हो जाती है। शुभ कार्यों के लिए गुरु का मजबूत होना आवश्यक है, इसलिए खरमास में शुभ कार्यों की मनाही होती है। विशेष रूप से विवाह में सूर्य और गुरु दोनों की उपस्थिति आवश्यक होती है।


वैज्ञानिक दृष्टिकोण

वैज्ञानिकों के अनुसार, सूर्य में हाइड्रोजन और हीलियम होते हैं, जबकि गुरु ग्रह में भी ये तत्व मौजूद हैं। सूर्य और बृहस्पति के बीच की दूरी लगभग 15 करोड़ किलोमीटर है, और जब ये दोनों ग्रह एक विशेष स्थिति में आते हैं, तो बृहस्पति के कण पृथ्वी के वायुमंडल में पहुंचते हैं। इससे व्यक्ति की मानसिक स्थिति में बदलाव आता है, जिससे मांगलिक कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है।