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2025 में कांवड़ जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त और तिथियाँ

2025 में कांवड़ जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त जानने के लिए यह लेख पढ़ें। सावन शिवरात्रि, अन्य महत्वपूर्ण तिथियाँ और पूजा का महत्व जानें। भक्तों के लिए यह जानकारी अत्यंत उपयोगी है।
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2025 में कांवड़ जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त और तिथियाँ

कांवड़ यात्रा का महत्व

सावन का महीना आते ही भगवान शिव के भक्तों की भक्ति अपने चरम पर पहुँच जाती है, और कांवड़ यात्रा इस भक्ति का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है।


2025 में भी यह यात्रा श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखेगी। भक्त अक्सर यह जानना चाहते हैं कि कांवड़ जल कब चढ़ाना है।


कांवड़ यात्रा की तिथियाँ

इस वर्ष कांवड़ यात्रा 11 जुलाई 2025 से शुरू होगी और यह 13 दिनों तक चलेगी।


यह यात्रा 23 जुलाई 2025 को सावन शिवरात्रि के दिन समाप्त होगी, जो कि जल अर्पण के लिए एक विशेष दिन माना जाता है।


सावन शिवरात्रि का महत्व

23 जुलाई 2025 का दिन शिवभक्तों के लिए अत्यंत पवित्र है। इस दिन जल अर्पण करने से भगवान शिव की कृपा विशेष रूप से प्राप्त होती है।


धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, शिवलिंग पर जल अर्पित करने का सबसे शुभ समय सूर्योदय से पहले या उसके तुरंत बाद होता है।


शुभ मुहूर्त

चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 23 जुलाई 2025 को सुबह 4:39 बजे


चतुर्दशी तिथि समाप्त: 24 जुलाई 2025 को रात 2:28 बजे


निशिता काल पूजा समय: रात 12:23 से 01:07 AM तक


शिवरात्रि पारण समय: 24 जुलाई को सुबह 5:38 बजे


चार प्रहरों में पूजा का महत्व

सावन शिवरात्रि पर पूजा चार प्रहरों में की जाती है। प्रत्येक प्रहर में भगवान शिव को जल, बेलपत्र, भस्म, दूध और घी अर्पित किया जाता है।


चार प्रहरों के समय इस प्रकार हैं:


प्रथम प्रहर: 07:17 PM से 09:53 PM


द्वितीय प्रहर: 09:53 PM से 12:28 AM


तृतीय प्रहर: 12:28 AM से 03:03 AM


चतुर्थ प्रहर: 03:03 AM से 05:38 AM


अन्य शुभ दिन

यदि आप शिवरात्रि के दिन जल अर्पित नहीं कर पाए, तो चिंता न करें। सावन सोमवार और प्रदोष व्रत के दिन भी जल अर्पण करना शुभ माना जाता है।


जल अर्पण के शुभ दिन:


14 जुलाई 2025: पहला सावन सोमवार


21 जुलाई 2025: दूसरा सावन सोमवार


22 जुलाई 2025: सावन प्रदोष व्रत


28 जुलाई 2025: तीसरा सावन सोमवार


4 अगस्त 2025: चौथा सावन सोमवार


निष्कर्ष

कांवड़ जल चढ़ाने का सबसे शुभ समय 23 जुलाई को सावन शिवरात्रि है। इस दिन जल अर्पित करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।


इसके अलावा, 14, 21, 28 जुलाई और 4 अगस्त को आने वाले सावन सोमवार और 22 जुलाई के प्रदोष व्रत के दिन भी जल चढ़ाना शुभ होता है।