21 जून 2025 का पंचांग: शुभ मुहूर्त और राहु काल की जानकारी

आज का पंचांग
21 जून 2025 का पंचांग: आज आषाढ़ माह का दसवां दिन है, जिसमें कृष्ण पक्ष की दशमी और एकादशी तिथि एक साथ हैं। आज का दिन 13 घंटे 58 मिनट 11 सेकंड लंबा है, जबकि रात का समय 10 घंटे 2 मिनट 1 सेकंड होगा। यह वर्ष का सबसे लंबा दिन है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु का समय है और सूर्य उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
तिथि
आज आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि 21 जून को सुबह 07:18 AM तक रहेगी। इसके बाद एकादशी तिथि का आरंभ होगा। दशमी तिथि को शुभ माना जाता है और इसका स्वामी यमदेव है। वहीं, एकादशी तिथि भगवान विष्णु की होती है और इसे भी शुभ माना जाता है।
नक्षत्र
आज का दिन अश्विनी नक्षत्र से शुरू होगा, जो 21 जून को शाम 07:50 PM तक रहेगा। यह नक्षत्र शुभ माना जाता है। इसके बाद भरणी नक्षत्र का आरंभ होगा।
दिन/वार
आज शनिवार है, जो बजरंग बली हनुमान जी और शनिदेव की पूजा का विशेष दिन है।
योग
आज का दिन अतिगंड योग से शुरू होगा, जो शाम 08:29 PM तक रहेगा। यह योग शुभ नहीं माना जाता। इसके बाद सुकर्मा योग का आरंभ होगा।
करण
आज सुबह 07:18 AM तक विष्टि करण रहेगा, इसके बाद बव करण का आरंभ होगा, जो शाम 05:55 PM तक रहेगा। इसके बाद बालव करण शुरू होगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
सूर्य गोचर: सूर्य मिथुन राशि में हैं, जिसके स्वामी बुध हैं।
चंद्र गोचर: चंद्रमा मेष राशि में हैं, जिसके स्वामी मंगल हैं।
शुभ-अशुभ काल
शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:04 AM से 04:44 AM
प्रातः सन्ध्या: 04:24 AM से 05:24 AM
अभिजित मुहूर्त: 11:55 AM से 12:51 PM
विजय मुहूर्त: 02:43 PM से 03:39 PM
गोधूलि मुहूर्त: 07:21 PM से 07:41 PM
सायाह्न सन्ध्या: 07:22 PM से 08:22 PM
अमृत काल: 01:12 PM से 02:41 PM
अशुभ मुहूर्त:
राहुकाल: आज राहु काल 02:07 PM से 03:52 PM तक रहेगा। इस समय कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
21 जून 2025 के पर्व और त्योहार
आज आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की दशमी और एकादशी तिथि है। यह दिन शनिदेव की पूजा के लिए विशेष है। शनिदेव के पूजन से व्यक्ति को अच्छे और बुरे कर्मों का फल मिलता है।
योगिनी एकादशी: आषाढ़ मास की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को अनेक लाभ मिलते हैं।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय के अनुसार चलने की प्रेरणा देता है।