23 जुलाई 2025 का पंचांग: सावन शिवरात्रि का महत्व और शुभ मुहूर्त

23 जुलाई 2025 का पंचांग
आज का पंचांग: सावन माह की शिवरात्रि को पूजा और उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन उपवास और तप करने से भक्तों को भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। द्रिक पंचांग के अनुसार, 23 जुलाई 2025 को प्रात: 02:29 बजे तक श्रावण माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि थी, इसके बाद अमावस्या का आरंभ हो गया है। इस दिन देशभर में सावन शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा।
23 जुलाई 2025 का पंचांग विवरण
आज 23 जुलाई को शाम 05:54 बजे तक आद्रा नक्षत्र रहेगा, इसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र का आगमन होगा। दोपहर 12:33 बजे तक व्याघात योग रहेगा, इसके बाद हर्षण योग का निर्माण होगा। करण की बात करें तो दोपहर 03:32 बजे तक विष्टि रहेगा, इसके बाद शकुनि और चतुष्पद का निर्माण होगा।
दिशा शूल: उत्तर
पूर्णिमांत और अमांत: सावन और आषाढ़
शक, विक्रम और गुजराती सम्वत: विश्वावसु (1947), कालयुक्त (2082) और नल (2081)
सूर्योदय और सूर्यास्त: प्रात: 05:37 और शाम 07:17 पर
चंद्रोदय और चंद्रास्त: 24 जुलाई को प्रात: 04:43 और 23 जुलाई को शाम 06:26 पर
नवग्रहों की स्थिति
- शुक्र ग्रह: वृषभ राशि
- शनि ग्रह: मीन राशि
- राहु ग्रह: कुंभ राशि
- सूर्य और बुध ग्रह: कर्क राशि
- चंद्र और गुरु ग्रह: मिथुन राशि
- मंगल और केतु ग्रह: सिंह राशि
आज का शुभ मुहूर्त
आज 23 जुलाई 2025 को सुबह 04:15 से 04:56 तक ब्रह्म मुहूर्त, शाम 07:17 से 07:38 तक गोधूलि मुहूर्त, दोपहर 02:44 से 03:39 तक विजय मुहूर्त, सुबह 08:32 से 10:02 तक अमृत काल, सुबह 04:36 से 05:37 तक प्रातः सन्ध्या, शाम 07:17 से 08:20 तक सायाह्न सन्ध्या और 24 जुलाई को प्रात: 12:07 से 12:48 तक निशिता मुहूर्त है।
यह ध्यान दें कि आज रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, त्रिपुष्कर योग और अभिजीत मुहूर्त का निर्माण नहीं हो रहा है।
आज का अशुभ मुहूर्त
आज दोपहर 12:27 से 02:10 तक राहुकाल, शाम 05:54 से अगले दिन सुबह 05:38 तक आडल योग, सुबह 07:20 से 09:02 तक यमगण्ड काल, सुबह 10:44 से 12:27 तक गुलिक काल, दोपहर 12 बजे से 12:55 तक दुर्मुहूर्त, प्रात: 05:37 से शाम 05:54 तक विडाल योग और प्रात: 05:37 से दोपहर 03:31 तक भद्रा है। हालांकि आज विंछुड़ो नहीं है।