5 जून 2025 का पंचांग: गंगा दशहरा और शुभ मुहूर्त

आज का पंचांग
5 जून 2025 का पंचांग: आज ज्येष्ठ माह का 25वां दिन है और शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। दिन की लंबाई 13 घंटे 53 मिनट 33 सेकंड है, जबकि रात का समय 10 घंटे 6 मिनट 20 सेकंड होगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु का समय है और सूर्य उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं कि 5 जून के पंचांग के पांच अंगों - तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की स्थिति क्या है। आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ है और राहु काल कब है?
तिथि
आज शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है, जो 6 जून की 02:15 AM तक रहेगी। इसके बाद नई दशमी तिथि शुरू होगी। यह तिथि यमदेव द्वारा शासित है और इसे शुभ माना जाता है।
नक्षत्र
आज रात भर हस्त नक्षत्र रहेगा, जो एक शुभ नक्षत्र है।
दिन/वार
दिन/वार: आज गुरुवार है, जो भगवान विष्णु की उपासना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। यह दिन देवगुरु बृहस्पति को समर्पित है, और इस दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
योग
आज सिद्धि योग है, जो 5 जून की 09:14 AM तक रहेगा। इसके बाद व्यतिपात योग शुरू होगा। इसके अतिरिक्त, आज रवि योग भी बन रहा है, जिससे दिन विशेष बन गया है।
करण
आज 01:02 PM तक तैतिल करण रहेगा, इसके बाद गर करण शुरू होगा, जो 6 जून की 02:15 AM तक रहेगा। इसके बाद वणिज करण का समय आएगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज सूर्य वृषभ राशि में हैं, जबकि चंद्रमा कन्या राशि में गोचर कर रहे हैं।
शुभ-अशुभ काल
शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:02 AM से 04:43 AM
प्रातः सन्ध्या: 04:22 AM से 05:23 AM
अभिजित मुहूर्त: 11:52 AM से 12:48 PM
विजय मुहूर्त: 02:39 PM से 03:34 PM
गोधूलि मुहूर्त: 07:15 PM से 07:35 PM
सायाह्न सन्ध्या: 07:17 PM से 08:17 PM
अमृत काल: 11:49 PM से 01:37 AM, 6 जून
निशिता मुहूर्त: 11:59 PM से 12:40 AM, 6 जून
रवि योग: पूरे दिन रहेगा।
अशुभ मुहूर्त:
राहुकाल: 02:04 PM से 03:48 PM तक। इस समय कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
यमगण्ड: 05:23 AM से 07:07 AM
गुलिक काल: 08:51 AM से 10:36 AM
विष घटी/वर्ज्य काल: 01:02 PM से 02:50 PM
दुर्मुहूर्त काल: 10:01 AM से 10:56 AM और 03:34 PM से 04:30 PM
5 जून 2025 के पर्व और त्योहार
आज गुरुवार है, जो हिंदू धर्म में भगवान विष्णु की आराधना के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन श्रद्धालु भगवान विष्णु से कृपा की प्रार्थना करते हैं।
गंगा दशहरा: यह पर्व मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण की स्मृति में मनाया जाता है। इस दिन गंगा नदी में स्नान और पूजा का विशेष महत्व है।
यात्रा टिप्स: आज दक्षिण दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता की ओर मार्गदर्शन करता है। यह ब्रह्मांड की लय के अनुसार चलने की प्रेरणा देता है।
पंचांग के पांच प्रमुख अंग:
वार: सप्ताह के दिनों का महत्व बताता है।
तिथि: चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना।
नक्षत्र: विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति।
योग: खगोलीय संयोगों का महत्व।
करण: आधे तिथि का सूचक।
शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: शुभ कार्यों के लिए पंचांग का अनुसरण किया जाता है।
पंचांग की जीवन में भूमिका: यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को सुदृढ़ करता है।