Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2025: पूजा विधि और महत्व
Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2025 की तिथि
Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2025: मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 8 नवंबर को सुबह 7:32 बजे तक रहेगी। इसके बाद चतुर्थी तिथि का आरंभ होगा।
गणेश जी को समर्पित पर्व
इस दिन गणाधिप संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है, जो भगवान गणेश को समर्पित है। द्रिक पंचांग के अनुसार, शनिवार को सूर्य तुला राशि में और चंद्रमा रात 11:14 बजे तक वृषभ राशि में रहेंगे, इसके बाद वे मिथुन राशि में चले जाएंगे। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:43 बजे से दोपहर 12:26 बजे तक रहेगा, जबकि राहुकाल सुबह 9:21 बजे से 10:43 बजे तक होगा।
कष्टों का नाश
कष्टों का विनाश Ganadhipa Sankashti Chaturthi
संकष्टी चतुर्थी का अर्थ है संकटों का नाश। स्कंद पुराण और ब्रह्मवैवर्त पुराण में उल्लेख है कि इस दिन विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने से जीवन में सुख और शांति आती है। नवविवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली के लिए इस दिन व्रत करती हैं।
अविवाहित लड़कियां भी अच्छे वर के लिए इस व्रत का पालन कर सकती हैं। पुराणों में कहा गया है कि इस व्रत से न केवल शारीरिक कष्ट दूर होते हैं, बल्कि मानसिक तनाव और आर्थिक तंगी भी समाप्त होती है।
व्रत की तैयारी
इस दिन व्रत रखने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठें। नहा-धोकर पीले कपड़े पहनें और पूजा स्थल को साफ करें। फिर एक चौकी पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें और उस पर गंगाजल छिड़कें।
गणेश पूजन की विधि
कैसे करें गणेश पूजन?
भगवान गणेश के समक्ष दूर्वा, सिंदूर और लाल फूल चढ़ाएं। फिर बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्डू ब्राह्मणों को दान करें, 5 गणेश जी के चरणों में रखें और बाकी प्रसाद बांट दें। पूजा के दौरान श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष और संकटनाशक गणेश स्तोत्र का पाठ करें। “ऊं गं गणपतये नमः” मंत्र का 108 बार जप करें। शाम को गाय को हरी दूर्वा या गुड़ खिलाना बहुत शुभ माना जाता है।
