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International Yoga Day 2025: कैंसर से बचाव के लिए योग का महत्व

International Yoga Day 2025 के अवसर पर, कैंसर के बढ़ते खतरे और इससे बचाव के लिए योग के महत्व पर चर्चा की गई है। स्वामी रामदेव के अनुसार, अस्वस्थ खानपान और जीवनशैली के कारण कैंसर का जोखिम बढ़ रहा है। इस लेख में प्राणायाम और विभिन्न योगासनों के माध्यम से कैंसर से बचने के उपाय बताए गए हैं। जानें कि कैसे योग आपके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है और कैंसर के प्रभाव को कम कर सकता है।
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International Yoga Day 2025: कैंसर से बचाव के लिए योग का महत्व

कैंसर का बढ़ता खतरा

International Yoga Day 2025: आजकल की तेज़-तर्रार जीवनशैली और अस्वस्थ खानपान के कारण कैंसर का जोखिम लगातार बढ़ रहा है, विशेषकर युवा वर्ग में। कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसका उपचार कई बार चुनौतीपूर्ण हो जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अगले 20 वर्षों में कैंसर के मामलों में 60 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, यह भी उल्लेख किया गया है कि 10 कैंसर रोगियों में से 1 भारतीय है। वर्तमान में, केवल युवा ही नहीं, बल्कि बच्चे भी इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं। इसलिए, इस गंभीर समस्या से बचाव करना अत्यंत आवश्यक है।


योग और आहार का महत्व

योग गुरु स्वामी रामदेव के अनुसार, आजकल हम ज्यादातर रासायनिक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं, चाहे वह सब्जियाँ हों या फास्ट फूड। इस कारण से, कई लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। स्वामी रामदेव का कहना है कि बच्चों में ब्लड कैंसर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसलिए, हमें ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही, योग के माध्यम से कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी के दौरान शरीर में उत्पन्न गर्मी को नियंत्रित किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि कैंसर से बचने के लिए कौन से योगाभ्यास किए जा सकते हैं।


प्राणायाम का महत्व

प्राणायाम


स्वामी रामदेव के अनुसार, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए प्राणायाम बहुत सहायक हो सकता है। इसलिए, रोजाना भ्रामरी, उद्गीथ, अनुलोम-विलोम, और कपालभाति का अभ्यास करें। शीतली और शीतकारी प्राणायाम कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी के कारण उत्पन्न गर्मी को कम करने में मदद करते हैं और गले के कैंसर के लिए भी लाभकारी होते हैं।


योगासन जो मददगार हैं

कैंसर से छुटकारा पाने के लिए कौन सा योगासन सही?


सूक्ष्म व्यायाम- रामदेव बताते हैं कि योगासन की शुरुआत सूक्ष्म व्यायाम से करें, जिसमें चक्की आसन, स्थित कोणासन, और तितली आसन शामिल हैं। इन आसनों से शरीर में ऊर्जा बढ़ती है और थकान दूर होती है।


उष्ट्रासन- इस आसन को आराम से करें। यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है और शरीर को सक्रिय रखता है। यह कैंसर के प्रभाव को कम करने में मदद करता है।


मंडूकासन- यह आसन कैंसर रोगियों के लिए और सभी के लिए फायदेमंद है। इसे करने से पेट की समस्याएँ दूर रहती हैं और हृदय स्वस्थ रहता है। यह कोलाइटिस और डायबिटीज को भी नियंत्रित करता है।


अर्ध्य उष्ट्रासन- यदि आप उष्ट्रासन नहीं कर पा रहे हैं, तो अर्ध्य उष्ट्रासन करें। यह भी शरीर को स्वस्थ और सक्रिय रखता है और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से राहत दिलाता है।


विशेषज्ञ की सलाह

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें।