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NASA का चंद्रमा पर न्यूक्लियर रिएक्टर स्थापित करने का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट

NASA ने चंद्रमा पर न्यूक्लियर रिएक्टर स्थापित करने की महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है, जिसका लक्ष्य 2030 तक स्थायी मानव उपस्थिति सुनिश्चित करना है। इस परियोजना की लागत अरबों डॉलर में होने की उम्मीद है, और नासा जल्द ही निजी कंपनियों से प्रस्ताव आमंत्रित करेगा। यह प्रोजेक्ट अमेरिका की अंतरिक्ष सुरक्षा को भी मजबूत करेगा। जानें इस योजना के पीछे की वजहें और इसके संभावित प्रभाव।
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NASA का चंद्रमा पर न्यूक्लियर रिएक्टर स्थापित करने का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट

2030 तक चंद्रमा पर मानव उपस्थिति का लक्ष्य

NASA, नई दिल्ली: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चंद्रमा पर न्यूक्लियर रिएक्टर लगाने की योजना बनाई है। इसका उद्देश्य 2030 तक चंद्रमा पर स्थायी मानव उपस्थिति स्थापित करना है। नासा के कार्यवाहक प्रमुख सीन डफी ने इस योजना की जानकारी दी है। न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, नासा इस परियोजना के लिए निजी कंपनियों से प्रस्ताव मांगने की प्रक्रिया शुरू करेगा।


100 किलोवाट क्षमता का रिएक्टर विकसित किया जाएगा

नासा का लक्ष्य 100 किलोवाट क्षमता वाला न्यूक्लियर रिएक्टर विकसित करना है। यह रिएक्टर चंद्रमा की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और अमेरिका की अंतरिक्ष सुरक्षा को मजबूत करने में सहायक होगा।


प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत

इस परियोजना की लागत अरबों डॉलर में होने की संभावना है। नासा ने 2022 में तीन निजी कंपनियों को प्रारंभिक डिजाइन तैयार करने के लिए 50-50 लाख डॉलर (लगभग 40 करोड़ रुपये) दिए थे। यह परियोजना आर्टेमिस मिशन का हिस्सा है, जिसकी कुल लागत 8,200 अरब रुपये के आसपास है।


चंद्रमा पर रिएक्टर स्थापित करने वाली कंपनियों की खोज

डफी के अनुसार, नासा को 60 दिनों के भीतर निजी कंपनियों से सुझाव प्राप्त करने होंगे और जल्द ही इस परियोजना के लिए एक प्रमुख अधिकारी नियुक्त करना होगा। नासा उन कंपनियों की तलाश कर रहा है जो 2030 तक चंद्रमा पर रिएक्टर स्थापित कर सकें।


अन्य अंतरिक्ष शक्तियों की चिंता

एक महत्वपूर्ण चिंता यह है कि यदि रूस या चीन जैसी अन्य अंतरिक्ष शक्तियां पहले चंद्रमा पर रिएक्टर स्थापित कर लेती हैं, तो वे चंद्रमा पर अपना दावा कर सकती हैं, जिससे अमेरिका के लिए चुनौतियाँ बढ़ सकती हैं। इसलिए इस परियोजना को उच्च प्राथमिकता दी जा रही है।