Panchang 1 जून 2025: शुभ मुहूर्त, राहुकाल और विशेष उपाय

Panchang 1 जून 2025: महत्वपूर्ण जानकारी
Panchang 1 जून 2025: शुभ समय, राहुकाल और विशेष उपाय: 1 जून 2025 का पंचांग ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि और रविवार का दिन दर्शाता है। यह दिन सूर्य देव की पूजा और व्रत के लिए विशेष महत्व रखता है। यदि आप नए कार्य की योजना बना रहे हैं या यात्रा की तैयारी कर रहे हैं, तो इस पंचांग में शुभ मुहूर्त, राहुकाल और दिशा शूल की जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। आइए, इस दिन के महत्व, पूजा विधि और उपायों को विस्तार से समझते हैं ताकि आप अपने दिन को सफल बना सकें।

Panchang 1 जून 2025: ज्येष्ठ रवि व्रत का महत्व
1 जून 2025 को ज्येष्ठ माह का रवि व्रत मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य देव की पूजा अत्यंत पुण्यदायी मानी जाती है। सूर्य आत्मा का कारक ग्रह है, और उनकी उपासना से आत्मबल बढ़ता है। इस दिन फलाहार व्रत रखने और सूर्य को जल अर्पित करने से जीवन में सकारात्मकता आती है। जल में चावल, लाल पुष्प, रोली, और गुड़ डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। यह व्रत बालकों, वृद्धों, और रोगियों को छोड़कर सभी के लिए फलदायी है।
शुभ मुहूर्त और राहुकाल
पंचांग 1 जून 2025 के अनुसार, सूर्योदय सुबह 5:05 बजे और सूर्यास्त शाम 7:09 बजे होगा। इस दिन नक्षत्र आश्लेषा और चंद्र राशि कर्क रहेगी। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:52 से 12:47 तक रहेगा, जो नए कार्य शुरू करने के लिए शुभ है। विजय, गोधुली, और ब्रह्म मुहूर्त भी इस दिन खास हैं। हालांकि, राहुकाल दोपहर 12:00 से 1:30 बजे तक रहेगा, जिसमें कोई भी शुभ कार्य शुरू करने से बचें। पश्चिम दिशा में दिशा शूल रहेगा, इसलिए इस दिशा में यात्रा से परहेज करें।
विशेष उपाय और दान-पुण्य
इस दिन के उपाय आपके जीवन में सुख-समृद्धि ला सकते हैं। घर की छत पर पक्षियों को दाना-पानी दें। गौशाला में गाय को रोटी, गुड़, और पालक खिलाएं। श्री आदित्य हृदय स्तोत्र का तीन बार पाठ करें, इससे सारे कष्ट दूर होंगे। सूर्य और गुरु के बीज मंत्रों का जाप करें। मीठा, गुड़, फल, और जल का दान करें, जो अनंत गुना फल देता है। गायत्री मंत्र का जाप भी इस दिन विशेष लाभकारी है। मन को शुद्ध और सात्विक रखें। माता-पिता का आशीर्वाद लें, क्योंकि सूर्य पिता का कारक है, और उनका अपमान करने से पूजा का फल नहीं मिलता।
क्या करें और क्या न करें
पंचांग 1 जून 2025 के अनुसार, इस दिन कुछ खास बातों का ध्यान रखें। शिव मंदिर में पीपल, बेल, या आम का पेड़ लगाएं। यह कार्य पर्यावरण और आध्यात्मिक लाभ दोनों देता है। व्रत रखने वाले फलाहार करें। किसी भी हाल में पिता का अपमान न करें, क्योंकि यह सूर्य की उपासना के प्रभाव को कम करता है। राहुकाल और दिशा शूल का ध्यान रखकर यात्रा और नए कार्यों की योजना बनाएं। इन उपायों से आपका दिन शुभ और सफल रहेगा।