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Sawan Shivratri: Bahadurgarh में भक्तों की भक्ति का अद्भुत नजारा

Sawan Shivratri के अवसर पर Bahadurgarh में श्रद्धालुओं ने टांडाहेड़ी मंदिर में गंगाजल अर्पित कर शिवलिंग की पूजा की। भक्तों की लंबी कतार और बम बम भोले के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। इस धार्मिक यात्रा का महत्व और भक्तों की आस्था को जानें।
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Sawan Shivratri: Bahadurgarh में भक्तों की भक्ति का अद्भुत नजारा

Sawan Shivratri Bahadurgarh: भक्तों की लंबी कतार

Sawan Shivratri Bahadurgarh: भक्तों की लंबी कतार टांडाहेड़ी मंदिर में, शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित किया गया: (Sawan Shivratri Bahadurgarh) में श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। हरिद्वार से गंगाजल लेकर आए कांवड़ियों ने सुबह के शुभ मुहूर्त में भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर जलाभिषेक किया और अपने संकल्पों को पूरा किया। बम बम भोले के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। विशेष रूप से टांडाहेड़ी गांव के शिवालय में बड़ी संख्या में महिलाएं और श्रद्धालु उपस्थित रहे।


शिव भक्तों ने नंगे पांव लंबा सफर तय कर बहादुरगढ़ के शिवालयों में दर्शन किए। गंगाजल के साथ-साथ श्रद्धा का प्रवाह पूरे नगर में देखा गया।


कांवड़ यात्रा: आस्था का प्रतीक Sawan Shivratri Bahadurgarh


कांवड़ यात्रा अब केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं रह गई है, बल्कि यह भक्तों की आस्था का प्रतीक बन चुकी है। (Gangajal offering Bahadurgarh) में आए भक्तों में से कई ने अपनी मन्नत पूरी होने पर जल चढ़ाया। कुछ भक्त दौड़ते हुए डाक कांवड़ लाए, जबकि अन्य ने पैदल नंगे पांव यात्रा की।


(kanwar yatra 2025) के दौरान बहादुरगढ़ में सेवा शिविरों का आयोजन किया गया, जहां श्रद्धालुओं के लिए जलपान, विश्राम और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की गई थी। हर गली और मोड़ पर शिव भक्तों की सेवा में तत्पर शिविरों ने इस यात्रा को और भी सुखद बना दिया।


पुजारियों ने बताया शिवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व


मंदिर के पुजारियों के अनुसार, सावन मास की शिवरात्रि अत्यंत शुभ मानी जाती है। इस दिन भगवान भोलेनाथ भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इसलिए (Bahadurgarh temple shivratri) में श्रद्धालु दूर-दूर से गंगाजल लेकर आते हैं। पुजारी ने बताया कि शिव भक्तों द्वारा शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से मानसिक शांति और जीवन में समृद्धि प्राप्त होती है।


पूरे बहादुरगढ़ में इस अवसर पर धार्मिक उत्सव जैसा माहौल बना रहा। हर दिशा से "बम बम भोले" के जयकारे गूंजते रहे, जो भक्तों की श्रद्धा और उत्साह को दर्शाते हैं।