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अजा एकादशी: व्रत के नियम और पूजा विधि जानें

अजा एकादशी, जो भगवान विष्णु को समर्पित है, इस बार 19 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन व्रत करने से भक्तों को पुण्य फल की प्राप्ति होती है। जानें इस दिन की पूजा विधि, व्रत के नियम और क्या न करें। विशेष रूप से, तुलसी की पूजा और दीप जलाने के महत्व को समझें। इस लेख में अजा एकादशी से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी प्राप्त करें।
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अजा एकादशी: व्रत के नियम और पूजा विधि जानें

भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी का दिन


भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन उनकी पूजा करने से भक्तों को पुण्य की प्राप्ति होती है। इस वर्ष अजा एकादशी का व्रत 19 अगस्त को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को सही तरीके से करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और भगवान श्रीहरि की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन कुछ स्थानों पर दीप जलाने से मां लक्ष्मी का आगमन होता है और शुभ फल की प्राप्ति होती है।


पूजा विधि


  • अजा एकादशी के दिन सुबह स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें।

  • दीप जलाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें।

  • व्रत का संकल्प लें और व्रत कथा का पाठ करें।

  • श्रीहरि के मंत्रों का जप करें।


अजा एकादशी के दिन क्या न करें


  • इस दिन क्रोध, झूठ बोलना, झगड़ा करना और बुराई से बचें।

  • दिन में सोना वर्जित है।

  • एकादशी तिथि पर चावल का सेवन न करें।

  • तुलसी के पत्ते तोड़ना मना है।

  • तामसिक भोजन से दूर रहें।

  • काले रंग के वस्त्र न पहनें।


तुलसी के पत्तों से करें व्रत का पारण

द्वादशी तिथि पर तुलसी के पत्तों से व्रत का पारण किया जाता है। इस दिन घर के किसी सदस्य से तुलसी के पत्ते तुड़वाने चाहिए, क्योंकि द्वादशी तिथि पर व्रती द्वारा तुलसी के पत्ते तोड़ना वर्जित है।


तुलसी की पूजा करने से आर्थिक तंगी होगी दूर

अजा एकादशी के दिन तुलसी की पूजा करें और देसी घी का दीपक जलाएं। इस उपाय से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है।


घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं

अजा एकादशी के दिन शाम को घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं। ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है और परिवार के सदस्यों को देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।