अयोध्या के राम मंदिर में 45 किलो सोने का उपयोग, दरबार के दर्शन जल्द शुरू होंगे

राम मंदिर की भव्यता में सोने की चमक
अयोध्या में स्थित राम मंदिर की भव्यता अब सोने की चमक से और भी बढ़ गई है। मंदिर के हर कोने में आस्था और भव्यता का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। श्रद्धालुओं की भक्ति को ध्यान में रखते हुए, अब तक मंदिर में 45 किलो शुद्ध सोने का उपयोग किया जा चुका है। यह सोना राम लला के सिंहासन से लेकर मंदिर के दरवाजों तक की सजावट में लगा है.
सोने की लागत और उपयोग
अयोध्या के राम मंदिर में अब तक 45 किलो शुद्ध सोने का उपयोग किया गया है, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये है। मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और इसके विभिन्न हिस्सों को सोने से सजाया जा रहा है। यह जानकारी राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने साझा की, जिन्होंने बताया कि यह सब दानदाताओं की मदद और श्रद्धा से संभव हो रहा है.
सोने से सजे दरवाजे और सिंहासन
राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर सभी दरवाजे सोने से सजाए गए हैं। इसके अलावा, राम लला का सिंहासन भी पूरी तरह से सोने से मढ़ा गया है। इस कार्य में विशेष कारीगरों की मदद ली गई है, जो धार्मिक भावना के साथ काम कर रहे हैं। हालांकि, मंदिर के शिखर पर सोने की परत चढ़ाने का कार्य अभी बाकी है, जिसे जल्द ही पूरा किया जाएगा.
भगवान की इच्छा से बना मंदिर
नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि यह मंदिर किसी इंसान की सोच से नहीं, बल्कि भगवान की इच्छा से बना है। उन्होंने बताया कि देश-विदेश से कई लोगों ने मंदिर के निर्माण में मदद की है, जो किसी चमत्कार से कम नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इतना बड़ा मंदिर केवल मशीनों और इंजीनियरों से नहीं बन सकता था, इसमें लोगों की आस्था और भगवान का आशीर्वाद भी आवश्यक था.
जल्द शुरू होंगे राम दरबार के दर्शन
राम मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक अच्छी खबर है। नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि जल्द ही राम दरबार के दर्शन शुरू किए जाएंगे। इसके लिए विशेष पास जारी किए जाएंगे ताकि दर्शन व्यवस्था को सुचारू बनाया जा सके। श्रद्धालुओं की भीड़ को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा और व्यवस्था के सभी इंतजाम किए जा रहे हैं, और सभी राम दरबार के भव्य दर्शन की प्रतीक्षा कर रहे हैं.