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अयोध्या में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शुरुआत

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन शुरू हो गया है। यह भव्य समारोह तीन दिनों तक चलेगा, जिसमें 101 वैदिक आचार्य अनुष्ठान करेंगे। पहले दिन की गतिविधियों में वैदिक अनुष्ठान और संतों का निमंत्रण शामिल है। जानें इस महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन के बारे में और क्या-क्या होने वाला है।
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अयोध्या में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शुरुआत

राम दरबार प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन

राम दरबार प्राण प्रतिष्ठा: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में आज से एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम की शुरुआत हुई है। दरअसल, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस समारोह की शुरुआत से एक दिन पहले एक भव्य कलश यात्रा निकाली गई थी। यह प्राण प्रतिष्ठा समारोह तीन दिनों तक चलेगा। इस अवसर पर अयोध्या के राम मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। आइए जानते हैं कि पहले दिन इस समारोह में क्या-क्या गतिविधियाँ होंगी।


अनुष्ठान में 101 वैदिक आचार्य शामिल

श्री राम जन्मभूमि निर्माण समिति के अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा के पहले दिन 3 जून को सुबह 6:30 बजे वैदिक अनुष्ठान की शुरुआत हो चुकी है। यह अनुष्ठान शाम 6:30 बजे तक चलेगा और इसे 101 वैदिक आचार्यों द्वारा प्रसिद्ध पंडित जयप्रकाश की अगुवाई में संपन्न किया जाएगा। इस अनुष्ठान में अयोध्या के प्रमुख संतों और आचार्यों की भी सहभागिता होगी। इसके अलावा, देशभर से लगभग 11 विद्वान आचार्य भी अयोध्या पहुंच चुके हैं।


श्रीराम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया

3 जून के बाद, 4 जून को भी राम मंदिर में अनुष्ठान जारी रहेगा। 5 जून को सुबह 6 बजे से दोपहर 1 बजे तक वैदिक विधियों द्वारा अनुष्ठान किया जाएगा। इसके बाद, अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 1:25 से 1:40 बजे के बीच श्रीराम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस दिन जानकी माता मंदिर, हनुमान मंदिर और सूर्य मंदिर में भी मूर्तियों की स्थापना की जाएगी।


संतों और साधुओं को निमंत्रण

जानकारी के अनुसार, 5 जून तक मंदिर का निर्माण भी पूरा हो जाएगा। मंदिर के निचले हिस्से में भगवान राम की कहानी को दर्शाने वाले भित्ति चित्र लगाए जाएंगे। इस अवसर पर संतों और साधुओं को निमंत्रण भेजा गया है, जिसमें मंदिर के चारों ओर बन रहे आयताकार घेरे का विवरण दिया गया है। इसमें चार मंदिर कोनों में और दोनों तरफ दो मंदिर होंगे।