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आंध्र प्रदेश और सिक्किम की जनसंख्या वृद्धि की नई पहल: क्या हैं योजनाएं?

आंध्र प्रदेश और सिक्किम की सरकारें जनसंख्या वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं लागू कर रही हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि राज्य में जन्म दर में गिरावट चिंता का विषय है। सिक्किम में पहले से ही कई योजनाएं चल रही हैं, जैसे कि सरकारी कर्मचारियों को अधिक बच्चों के लिए विशेष वेतनवृद्धि। जानें इन योजनाओं के पीछे का कारण और अन्य राज्यों में भी उठ रही मांगों के बारे में।
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आंध्र प्रदेश और सिक्किम की जनसंख्या वृद्धि की नई पहल: क्या हैं योजनाएं?

जनसंख्या नियंत्रण पर बहस के बीच वृद्धि की कोशिशें

जबकि भारत के विभिन्न हिस्सों में जनसंख्या नियंत्रण नीतियों पर चर्चा हो रही है, वहीं दक्षिण और पूर्वोत्तर के कुछ राज्य जनसंख्या बढ़ाने के प्रयासों में लगे हुए हैं। विशेष रूप से, सिक्किम और आंध्र प्रदेश की सरकारें परिवारों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने की योजनाएं बना रही हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू का हालिया बयान इस विषय में नई रोशनी डालता है।


सीएम नायडू का बयान

टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए गए एक साक्षात्कार में, सीएम नायडू ने कहा कि आंध्र प्रदेश में जन्म दर में कमी एक गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार उन परिवारों को प्रोत्साहन देने पर विचार कर रही है जो अधिक बच्चे पैदा करेंगे। उनका मानना है कि दक्षिणी राज्यों में जनसांख्यिकीय स्थिति का पुनर्मूल्यांकन और सुधार आवश्यक है।


सिक्किम की योजनाएं

चंद्रबाबू नायडू इस दिशा में विचार करने वाले पहले नेता नहीं हैं। सिक्किम में पहले से ही कई योजनाएं लागू हैं। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने 2023 में घोषणा की थी कि राज्य की महिला सरकारी कर्मचारियों को यदि वे दो से अधिक बच्चों को जन्म देती हैं, तो उन्हें विशेष वेतनवृद्धि दी जाएगी। चौथे बच्चे के जन्म पर एक और वेतनवृद्धि मिलेगी। मातृत्व अवकाश एक साल का होगा, जबकि पिता को एक महीने की छुट्टी दी जाएगी।


सरकार की जिम्मेदारी

सीएम तमांग ने यह भी कहा कि शिशु की देखभाल की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। इसके तहत महिलाओं को 10,000 रुपये प्रति माह केयरटेकर के रूप में नियुक्त किया जाएगा। सिक्किम सरकार की मिशन वात्सल्य योजना के तहत, यदि किसी दंपत्ति को संतान प्राप्ति में समस्या होती है, तो उन्हें IVF उपचार के लिए 3 लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, मुख्यमंत्री शिशु सुरक्षा योजना और सुतकेरी सहयोग योजना भी चल रही हैं।


जनसंख्या वृद्धि का कारण

सिक्किम देश का सबसे कम जनसंख्या वाला राज्य है, जहां की प्रजनन दर (TFR) केवल 1.1 है, जबकि राष्ट्रीय औसत लगभग 2.0 है। भूटिया और लिंबू जैसे पारंपरिक समुदायों की संख्या में कमी के कारण, राज्य सरकारें अब जनसंख्या बढ़ाने के लिए नीतिगत पहल कर रही हैं।


अन्य राज्यों में भी मांग

सिर्फ सिक्किम और आंध्र प्रदेश ही नहीं, मिजोरम और तमिलनाडु में भी नेताओं ने इस दिशा में बयान दिए हैं। मिजोरम के मंत्री रॉबर्ट रोमाविया ने घोषणा की थी कि उनके विधानसभा क्षेत्र आइजोल ईस्ट-2 में जो परिवार सबसे अधिक बच्चे पैदा करेगा, उसे 1 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। वहीं, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने भी कहा था कि राज्य में लोगों को अधिक बच्चे पैदा करने पर विचार करना चाहिए।