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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2025: पूजा नियम और सावधानियाँ

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2025 का आयोजन 26 जून से शुरू होकर 4 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान मां दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है। जानें इस पर्व के दौरान साधना और पूजा के नियम, और किन गलतियों से बचना चाहिए। यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और साधकों के लिए महत्वपूर्ण है।
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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2025: पूजा नियम और सावधानियाँ

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का महत्व

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2025 पूजा नियम: साल में चार बार आने वाली नवरात्रियों में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का विशेष स्थान है, जब आदिशक्ति मां दुर्गा की आराधना की जाती है। इस अवसर पर व्रत भी रखा जाता है। आज 27 जून 2025 को आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का दूसरा दिन है। यह उत्सव 26 जून से शुरू होकर 4 जुलाई 2025 तक चलेगा।


धार्मिक मान्यता के अनुसार, आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का अर्थ है गुप्त साधना। इस दौरान की गई साधना, पूजा या हवन को सार्वजनिक रूप से नहीं करना चाहिए। दूसरों को बताने से साधना की शक्ति में कमी आ सकती है और साधक को पूजा का फल नहीं मिल सकता। यदि आप जानना चाहते हैं कि नवरात्रि के दौरान साधक को किन गलतियों से बचना चाहिए, तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देखें।


डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए प्रस्तुत की गई है। News Media इसकी पुष्टि नहीं करता है।