इंदिरा एकादशी 2025: राशि अनुसार दान से पाएं पुण्य और कष्टों से मुक्ति

इंदिरा एकादशी का महत्व
इंदिरा एकादशी 2025: हर साल आश्विन माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी का व्रत मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यह एकादशी पितृपक्ष के दौरान आती है, इसलिए इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान जैसे कार्य करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन तप और त्याग करने से जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
दान का महत्व
पूजा-पाठ के साथ-साथ इस दिन दान करना भी अत्यंत शुभ होता है। विशेष रूप से राशि अनुसार दान करने से ग्रह दोष और पितृ दोष के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
राशि अनुसार दान
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए इंदिरा एकादशी की शाम लाल मिठाई और मसूर की दाल का दान करना लाभकारी रहेगा। इससे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होगी और मंगल ग्रह की स्थिति में सुधार होगा।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के लिए इस दिन दूध, दही, चीनी और चावल का दान करना शुभ रहेगा। इसके साथ धन का दान भी किया जा सकता है।
मिथुन राशि
यदि आप भगवान विष्णु को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो इस दिन सब्जियों का दान करें और विष्णु मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे पुण्य की प्राप्ति होगी।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए गेहूं और गुड़ का दान करना शुभ रहेगा। इससे पुण्य प्राप्त होगा और पितृ भी प्रसन्न होंगे।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातक इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और उनके सामने घी का दीपक जलाएं। सुहागिन महिलाओं को हरे रंग की साड़ी का दान करना भी शुभ रहेगा।
तुला राशि
तुला राशि के लिए चावल या चीनी का दान करना शुभ रहेगा। इसके साथ सफेद कपड़ों का दान भी किया जा सकता है।
वृश्चिक राशि
यदि जीवन में परेशानियां आ रही हैं, तो गरीबों को गुड़ का दान करें और पीपल के पेड़ के पास घी का दीपक जलाएं।
धनु राशि
धनु राशि के जातक इस दिन दूध का दान करें और विष्णु मंत्रों का जाप करें।
मकर राशि
मकर राशि के लिए धन और पीले कपड़ों का दान करना शुभ रहेगा। इससे पितृ प्रसन्न होंगे और पुण्य की प्राप्ति होगी।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातक भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें फल, फूल, मिठाई और नए कपड़े अर्पित करें। शाम को काले रंग के कंबल का दान करें।
मीन राशि
मीन राशि के जातक पहले भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें प्रिय चीजों का भोग लगाएं। व्रत का संकल्प लेने से पहले पीले कपड़ों का दान करें।