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इटावा में कथावाचक मुकुटमणि यादव का विवाद: जातिगत भेदभाव और खुलासे

उत्तर प्रदेश के इटावा में कथावाचक मुकुटमणि यादव के साथ हुई बदसलूकी का मामला अब सियासी रंग ले चुका है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है। मुकुटमणि के पिता ने उनके 15 साल के कथावाचन करियर और गुरु के बारे में खुलासे किए हैं। उनके सहायक संत यादव ने भी अपने शिक्षण अनुभव और कथावाचन में करियर बनाने की कहानी साझा की है। इस घटना ने पूरे गांव को प्रभावित किया है और सोशल मीडिया पर भी इसकी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
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इटावा में कथावाचक मुकुटमणि यादव का विवाद: जातिगत भेदभाव और खुलासे

इटावा में कथावाचक मुकुटमणि यादव का मामला

इटावा कथावाचक विवाद: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में कथावाचक मुकुटमणि यादव और उनके सहायक संत यादव के साथ हुई बदसलूकी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह जातिगत भेदभाव का मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मामले में मुकुटमणि यादव और संत यादव से मुलाकात की। इस बीच, मुकुटमणि यादव के पिता ने कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि मुकुटमणि पिछले 15 वर्षों से कथावाचक के रूप में कार्यरत हैं और इसके लिए उन्होंने गुरु से दीक्षा भी ली है।


मुकुटमणि यादव के गुरु का परिचय

मुकुटमणि यादव इटावा के थाना सिविल लाइन के जवाहरपुरा गांव के निवासी हैं। मीडिया से बातचीत में उनके पिता रामप्रकाश यादव ने कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने बताया कि मुकुटमणि ने गुरु-शिष्य परंपरा के अनुसार अवधेश यादव को अपना गुरु मानकर उनसे दीक्षा ली थी। रामप्रकाश ने कहा कि यह घटना न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए चिंता का विषय बन गई है।


संत यादव का बड़ा खुलासा

मुकुटमणि के सहायक संत यादव ने बताया कि उन्होंने बायोलॉजी में B.Sc की डिग्री प्राप्त की है। पहले वह सरस्वती ज्ञान मंदिर स्कूल में शिक्षक थे, लेकिन कोरोना के बाद उन्होंने शिक्षण का कार्य छोड़कर मुकुटमणि के सहायक आचार्य के रूप में काम करना शुरू किया। संत यादव ने कहा कि उन्हें संस्कृत पढ़ने और समझने में अच्छी महारत है, इसलिए उन्होंने कथावाचन के क्षेत्र में अपने करियर को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया।


सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया