उज्जैन का चिंतामण गणेश मंदिर: मानसिक तनाव से मुक्ति का स्थान
भगवान गणेश के तीन रूपों का मंदिर
भगवान गणेश के तीन रूप चिंतामण, इच्छामण और सिद्धिविनायक हैंं विराजमान
भगवान गणेश को समर्पित यह मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है। बुधवार का दिन विशेष रूप से भगवान गणेश को समर्पित होता है, जब भक्त उनकी पूजा करते हैं और मनोकामनाएं पूरी करने के लिए व्रत रखते हैं। गणेश की पूजा से सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है और संकटों से मुक्ति मिलती है।
क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा मंदिर है, जहां भगवान गणेश के दर्शन से न केवल इच्छाएं पूरी होती हैं, बल्कि मानसिक तनाव और चिंता से भी राहत मिलती है? आइए, इस अद्भुत मंदिर के बारे में जानते हैं।
चिंतामण मंदिर का इतिहास
चिंतामण गणेश मंदिर उज्जैन में स्थित है और इसे स्वयं-भू माना जाता है। इसका अर्थ है कि यहां भगवान गणेश की प्रतिमा अपने आप प्रकट हुई थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार, त्रेता युग में जब मां जानकी को प्यास लगी थी, तब भगवान श्रीराम ने तीर चलाकर जलधारा निकाली थी। आज भी मंदिर परिसर में एक कुंआ है, जहां से जल प्राप्त किया जा सकता है।
इस मंदिर में भगवान गणेश की तीन प्रतिमाएं हैं: चिंतामण गणेश, इच्छामण गणेश और सिद्धिविनायक। यहां दर्शन करने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और संकटों से मुक्ति मिलती है।
कैसे पहुंचें चिंतामण गणेश मंदिर
यह मंदिर उज्जैन से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। श्रद्धालु बस, ट्रेन या फ्लाइट के माध्यम से यहां पहुंच सकते हैं। उज्जैन बस स्टैंड से भी मंदिर की दूरी 8 किलोमीटर है, जबकि एयरपोर्ट से यह 60 किलोमीटर दूर है।
मंदिर के आसपास ठहरने की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिससे भक्त आसानी से दर्शन करने आ सकते हैं।
