उत्पन्ना एकादशी 2025: भगवान विष्णु की कृपा पाने का अवसर
उत्पन्ना एकादशी 2025 का व्रत मार्गशीर्ष माह में मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए विशेष मंत्र जाप और अभिषेक का महत्व है। जानें इस व्रत की विधि और इसके धार्मिक महत्व के बारे में।
| Nov 13, 2025, 11:55 IST
उत्पन्ना एकादशी का महत्व
उत्पन्ना एकादशी 2025 : मार्गशीर्ष माह को भगवान श्रीकृष्ण का विशेष महीना माना जाता है। इस दौरान पवित्र जल स्रोतों में स्नान और जरूरतमंदों को दान देना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर उत्पन्ना एकादशी का व्रत किया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसे मोक्षदायिनी माना जाता है। इस व्रत में मंत्र जाप और कथा का पाठ करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि एकादशी व्रत करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं。
पंचांग के अनुसार, 15 नवंबर को रात 12:49 बजे अगहन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि प्रारंभ होगी। वहीं, 16 नवंबर को रात 02:37 बजे यह तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि से गणना की जाती है, इसलिए 15 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी का व्रत मनाया जाएगा।
भगवान श्रीहरि का अभिषेक करें
एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल से श्रीहरि का अभिषेक करें। अभिषेक के समय पीतांबरी वस्त्र पहनना चाहिए। इसके बाद जरूरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन और दान-दक्षिणा देना चाहिए। अंत में स्वयं भोजन ग्रहण करके व्रत खोलें।
