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एकादशी व्रत 2025: तिथियाँ और महत्व

एकादशी व्रत हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। अगस्त 2025 में दो विशेष एकादशी, पुत्रदा और अजा, मनाई जाएंगी। जानें इनकी तिथियाँ और धार्मिक महत्व। पुत्रदा एकादशी से संतान सुख की प्राप्ति होती है, जबकि अजा एकादशी से पापों से मुक्ति मिलती है। इस लेख में इन व्रतों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।
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एकादशी व्रत 2025: तिथियाँ और महत्व

एकादशी व्रत का महत्व

Ekadashi 2025: एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। हर महीने दो एकादशी होती हैं, जिनमें से एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में आती है। इस प्रकार, पूरे वर्ष में कुल 24 एकादशी होती हैं। ये सभी तिथियाँ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित होती हैं। चातुर्मास में आने वाली एकादशी व्रत भगवान शिव को भी समर्पित होती हैं।


पुत्रदा एकादशी की तिथि

अगस्त 2025 में दो एकादशी का व्रत होगा। पहली एकादशी, जिसे पुत्रदा एकादशी कहा जाता है, सावन माह के शुक्ल पक्ष में आएगी। यह तिथि 4 अगस्त की सुबह 11:41 बजे से शुरू होकर 5 अगस्त की दोपहर 1:12 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार, पुत्रदा एकादशी का व्रत 5 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन सुबह 5:45 से 11:23 बजे तक रवि योग रहेगा, जो इस दिन पूजा के लिए शुभ माना जाता है। पारण 6 अगस्त को होगा।


पुत्रदा एकादशी का महत्व

पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। निसंतान दंपति यदि इस व्रत को श्रद्धा से करते हैं, तो उन्हें संतान का आशीर्वाद मिलता है।


अजा एकादशी की तिथि

अजा एकादशी भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष में मनाई जाएगी। यह तिथि 18 अगस्त की शाम 5:22 बजे से शुरू होकर 19 अगस्त की दोपहर 3:32 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार, अजा एकादशी का व्रत 19 अगस्त को रखा जाएगा और पारण 20 अगस्त को किया जाएगा।


अजा एकादशी का महत्व

अजा एकादशी का व्रत करने से पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इस व्रत का पालन करने वाला व्यक्ति मोक्ष की प्राप्ति करता है।