कजरी तीज 2025: व्रत के 17 महत्वपूर्ण नियम और पूजा विधि
कजरी तीज 2025 का पर्व 12 अगस्त को मनाया जाएगा। यह व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए किया जाता है। इस लेख में कजरी तीज के 17 महत्वपूर्ण नियमों के बारे में जानकारी दी गई है, जिनका पालन करना आवश्यक है। जानें इस पर्व का महत्व, व्रत के नियम और पूजा विधि के बारे में।
Aug 10, 2025, 10:16 IST
| 
कजरी तीज 2025 का महत्व
Kajari Teej 2025 Vrat Niyam: हर साल तीज का पर्व तीन बार मनाया जाता है, जिनमें से हरियाली तीज का पर्व 27 जुलाई 2025 को मनाया गया था। इसके बाद कजरी तीज और हरतालिका तीज का आयोजन होगा। ये सभी पर्व देवी पार्वती और भगवान शिव को समर्पित हैं। द्रिक पंचांग के अनुसार, कजरी तीज का व्रत भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष, कजरी तीज का व्रत 12 अगस्त 2025, मंगलवार को रखा जाएगा।
कजरी तीज व्रत के नियम
यह व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए किया जाता है। हालांकि, इस व्रत से जुड़े कई महत्वपूर्ण नियम हैं, जिनका पालन न करने पर व्रती को पाप लग सकता है। यहां कजरी तीज व्रत के 17 आवश्यक नियम दिए गए हैं:
- कजरी तीज के दिन महिलाओं को झूला झूलना अनिवार्य है।
- 16 श्रृंगार करने के बाद ही पूजा करनी चाहिए।
- हरे रंग के कपड़े पहनना चाहिए, यहां तक कि श्रृंगार का सामान भी हरा होना चाहिए।
- सफेद रंग की वस्तुएं न पहनें।
- दिन में सोना मना है।
- गुस्सा न करें और नकारात्मकता से दूर रहें।
- नाखून और बाल नहीं काटें।
- बाल धोना मना है।
- व्रत निर्जला होता है, अन्न और जल का सेवन नहीं करना चाहिए।
- भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि तक ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- व्रत की कथा सुनना या पढ़ना आवश्यक है।
- खुले बालों और बिना सिर ढके पूजा न करें।
- व्रत का पारण करने से पहले दान करें।
- पारण के बाद कन्याओं को भोजन कराएं।
- पारण के बाद जीवनसाथी और बुजुर्गों का आशीर्वाद लें।
- भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा से पहले गणेश जी की पूजा करें।
- उपवास के दौरान झाड़ू न लगाएं और न ही झाड़ू को छुएं।