कन्या संक्रांति 2025: सूर्य देव की कृपा पाने का सही समय और दान की विशेषताएँ

कन्या संक्रांति: सूर्य देव की कृपा के लिए दान का महत्व
कन्या संक्रांति: इस शुभ अवसर पर दान करें और सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त करें, जानें तारीख और विशेष बातें: हिंदू धर्म में कन्या संक्रांति एक महत्वपूर्ण पर्व है, जब सूर्य देव सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करते हैं। यह सौर मास का एक प्रमुख संक्रांति पर्व है, जिसे हर साल विश्वकर्मा पूजा के आसपास धूमधाम से मनाया जाता है।
इस दिन स्नान, सूर्य पूजा और दान का विशेष महत्व होता है। कन्या संक्रांति के दिन किए गए दान को महादान कहा जाता है, जो स्वास्थ्य, सेवा और समृद्धि का प्रतीक है। आइए जानते हैं, कन्या संक्रांति 2025 की तारीख, शुभ मुहूर्त और दान में क्या-क्या देना चाहिए।
कन्या संक्रांति 2025 की तारीख
कन्या संक्रांति 2025 की तारीख
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष कन्या संक्रांति 17 सितंबर 2025, बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है और भक्त स्नान-दान के माध्यम से उनकी कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। यह पर्व धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
कन्या संक्रांति में दान की विशेषताएँ
कन्या संक्रांति में क्या करें दान?
कन्या संक्रांति के दिन दान का विशेष महत्व है। इस दिन कुछ विशेष चीजें दान करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। दान में शामिल चीजें हैं:
अन्न: जैसे गेहूं, चावल या अन्य खाद्य सामग्री।
कपड़े: जरूरतमंदों को नए वस्त्र दान करें।
तेल और तिल: यह सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए शुभ माना जाता है।
घी और दीपक: पूजा में उपयोग होने वाला घी और दीपक दान करें।
जल से भरा घड़ा: यह सूर्य देव को अर्पित करने के लिए उत्तम है।
तांबे के बर्तन: तांबा सूर्य से संबंधित है, इसलिए इसे दान करना शुभ है।
गुड़, मिश्री, लड्डू: ये मीठी चीजें दान में देना अच्छा माना जाता है।
दान का शुभ मुहूर्त
दान का शुभ मुहूर्त
कन्या संक्रांति के दिन दान का समय बहुत महत्वपूर्ण है। इसे संक्रांति पुण्यकाल कहा जाता है, जो सूर्योदय से दोपहर तक होता है। साल 2025 में यह मुहूर्त सुबह 5:36 बजे से दोपहर 11:44 बजे तक रहेगा। इसके अलावा, महा पुण्यकाल सुबह 5:36 बजे से 7:39 बजे तक रहेगा। इस समय में दान करने से विशेष फल मिलता है।