कार्तिक पूर्णिमा 2025: जानें इस दिन क्या करें और क्या न करें
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
नई दिल्ली: हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा को साल के सबसे पवित्र और शुभ दिनों में से एक माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु, महादेव शिव और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन स्नान, दान और दीपदान का फल हजार गुना अधिक होता है।
आत्मा की शुद्धि और सकारात्मकता का प्रतीक
यह दिन केवल पूजा का नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि और सकारात्मकता का भी प्रतीक है। हालांकि, शास्त्रों में कहा गया है कि यदि इस दिन कुछ गलतियां की जाएं, तो इसका नकारात्मक प्रभाव जीवन पर पड़ सकता है, जिससे दरिद्रता और कलह बढ़ सकती है। आइए जानते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा 2025 के दिन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
झगड़े और गुस्से से बचें
इस दिन का वातावरण शांत और पवित्र होना चाहिए। यदि इस दिन कोई बहस या झगड़ा होता है, तो इसे अशुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इससे भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी नाराज हो सकते हैं, जिससे घर की सुख-शांति प्रभावित होती है।
दीपक को बुझने न दें
कार्तिक पूर्णिमा की रात दीपदान का विशेष महत्व है। गंगा, नदी, सरोवर या घर के मंदिर में जलाया गया दीपक पूरी रात जलता रहना चाहिए। यदि दीपक बुझ जाए या जानबूझकर बुझा दिया जाए, तो इसे अपशकुन माना जाता है, जिससे धन की हानि और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है।
दूसरों का अपमान न करें
इस दिन किसी की निंदा या आलोचना करना बड़ा पाप माना जाता है। माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर देवता पृथ्वी पर विचरण करते हैं, इसलिए सभी से मृदु वाणी और प्रेमपूर्ण व्यवहार करना चाहिए।
मांस और शराब से दूर रहें
यह दिन पूरी तरह से सात्विकता और भक्ति का दिन है। इस दिन मांसाहार, शराब या किसी भी प्रकार के नशे का सेवन वर्जित है। ऐसा करने से पुण्य नष्ट होता है और यह पाप का कारण बनता है।
लक्ष्मी पूजन के बाद सफाई न करें
कार्तिक पूर्णिमा की शाम लक्ष्मी पूजन के बाद झाड़ू लगाना या सफाई करना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी घर से चली जाती हैं। इसलिए पूजा के बाद दीपक जलते रहने दें और दरवाजा खुला रखें ताकि माता लक्ष्मी का आगमन हो सके।
गरीबों का अपमान न करें, दान करें
कार्तिक पूर्णिमा पर दान का अत्यधिक महत्व है। यदि कोई जरूरतमंद आपसे सहायता मांगे, तो उसे खाली हाथ न लौटाएं। भूखे को भोजन कराना और गरीबों को वस्त्र या अन्न देना सबसे बड़ा पुण्य कार्य माना जाता है।
घर में सकारात्मक ऊर्जा
कार्तिक पूर्णिमा 2025 केवल पूजा का दिन नहीं, बल्कि आत्म-शुद्धि और सद्भाव का प्रतीक है। इस दिन यदि मन, वचन और कर्म से पवित्र रहकर भगवान विष्णु, शिव और मां लक्ष्मी की भक्ति की जाए, तो जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। दीपदान और दान-पुण्य करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
