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कार्तिक पूर्णिमा 2025: महत्व, तिथि और पूजा विधि

कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान विष्णु और शिव की पूजा के लिए जाना जाता है। इस वर्ष, कार्तिक पूर्णिमा 4 नवंबर को रात 11:37 बजे से शुरू होकर 5 नवंबर को शाम 6:49 बजे तक रहेगी। इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है, जिससे पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जानें इस दिन के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में विस्तार से।
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कार्तिक पूर्णिमा 2025: महत्व, तिथि और पूजा विधि

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष स्थान है। इस दिन भगवान विष्णु और शिव की पूजा का महत्व है। इस दिन स्नान और दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस दिन किए गए स्नान और दान से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कि इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा कब है, साथ ही सही तिथि और शुभ मुहूर्त भी जानें।


2025 में कार्तिक पूर्णिमा की तिथि

कार्तिक पूर्णिमा की तिथि 4 नवंबर को रात 11:37 बजे से शुरू होकर 5 नवंबर को शाम 6:49 बजे तक रहेगी। 5 नवंबर को सूर्योदय से पूर्णिमा का दिन रहेगा, इसलिए व्रत भी इसी दिन रखा जाएगा।


कार्तिक पूर्णिमा स्नान और दान का मुहूर्त 2025

स्नान का शुभ मुहूर्त: सूर्योदय से शाम 05:01 बजे तक।


दान-पुण्य का मुहूर्त: सूर्योदय से शाम 05:12 बजे तक।


दीपदान का शुभ मुहूर्त: शाम 05:15 बजे से रात 07:51 बजे तक।


कार्तिक पूर्णिमा पर क्या करें?

सुबह उठकर व्रत का संकल्प लें। गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें। विष्णु सहस्त्रनाम और रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करें। चंद्रोदय के समय शिवा, सम्भूति, प्रीति, अनुसुइया और क्षमा की पूजा करें। गोदान का अनंत फल प्राप्त होता है। घी और अन्न का दान करें। पूजन और हवन करें। मंदिर में भंडारा आयोजित करें। संध्या में दीपदान करें। यमुना पर कार्तिक स्नान के बाद राधा-कृष्ण की पूजा और दीपदान करें, इससे कृष्ण भक्ति की प्राप्ति होती है।