काले तिल और मंत्रों से शनिदेव की कृपा प्राप्त करें

काले तिल और मंत्रों से शनिदेव की कृपा प्राप्त करें
क्या आपकी जिंदगी में समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं? क्या साढ़ेसाती या ढैय्या का भय आपको परेशान कर रहा है? यदि हां, तो शनिदेव की कृपा पाने का सही समय आ गया है! हिन्दू धर्म में शनिदेव को कर्मफल दाता और न्याय का देवता माना जाता है।
उनकी दृष्टि हमेशा आपके कर्मों पर होती है, और जब कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में होता है, तो जीवन में कठिनाइयाँ आ सकती हैं। लेकिन चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है! शनिदेव को प्रसन्न करने का एक प्रभावी उपाय है काले तिल और सही मंत्रों का जाप। आइए, जानते हैं कैसे शनिदेव की पूजा आपके जीवन में सुख और शांति ला सकती है।
काले तिल शनिदेव के प्रिय प्रसाद
काले तिल शनिदेव के प्रिय प्रसादों में से एक माने जाते हैं। मान्यता है कि काले तिल अर्पित करने से शनिदेव का क्रोध शांत होता है और वे अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। शनिवार के दिन विधिपूर्वक काले तिल चढ़ाने से साढ़ेसाती और ढैय्या के नकारात्मक प्रभाव कम हो सकते हैं। लेकिन केवल तिल चढ़ाना ही पर्याप्त नहीं है, इसके साथ सही मंत्र और पूजा विधि का पालन करना भी आवश्यक है। यह उपाय न केवल आपकी कुंडली में शनि को मजबूत करता है, बल्कि जीवन की बाधाओं को भी दूर करता है।
शनिदेव की पूजा का विधि
शनिदेव की पूजा का सबसे उपयुक्त दिन शनिवार है। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। शनिदेव को सरसों का तेल और काले तिल लोहे के पात्र में रखकर अर्पित करें। पूजा के दौरान अपनी नजरें शनिदेव के चरणों पर रखें, क्योंकि उनकी आंखों में देखना अशुभ माना जाता है। मन में सकारात्मक विचार लाएं और किसी भी प्रकार का संशय न रखें। काले तिल के साथ नीले फूल, काले वस्त्र, उड़द दाल, या खिचड़ी भी अर्पित करें। सरसों के तेल का दीपक जलाना न भूलें। यदि संभव हो, तो शनिवार की शाम पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करते हुए सात बार परिक्रमा करें। यह छोटा सा उपाय आपके जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है।
शक्तिशाली मंत्र जो आपकी किस्मत बदल सकते हैं
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए मंत्रों का जाप अत्यंत महत्वपूर्ण है। सबसे प्रभावी मंत्र है “ॐ शं शनैश्चराय नमः”। इस मंत्र का जाप शांत मन से करें, और शनिदेव की कृपा आप पर बरसेगी। इसके अलावा, शनि गायत्री मंत्र “ॐ काकध्वजाय विद्महे, खड्गहस्ताय धीमहि, तन्नो मन्दः प्रचोदयात्” भी बहुत शक्तिशाली है।
यह मंत्र शनिदेव की मंद गति को आपके पक्ष में करता है। वैदिक मंत्र “ॐ नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्” का पाठ करने से शनिदेव का आशीर्वाद मिलता है। मंत्र जाप के बाद शनि चालीसा या शनि स्तोत्र का पाठ करें। ये मंत्र और पाठ आपके जीवन से हर कष्ट को दूर करने में मदद करेंगे।
दान और भक्ति से पाएं शनिदेव की कृपा
काले तिल का दान करना शनिदेव को प्रसन्न करने का एक और प्रभावी तरीका है। आप काले तिल किसी जरूरतमंद को दान करें या शनि मंदिर में चढ़ाएं। इसके अलावा, शनिवार के दिन उड़द दाल, काले कपड़े, या सरसों का तेल दान करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं। यह दान न केवल आपकी कुंडली में शनि को मजबूत करता है, बल्कि आपके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि भी लाता है। शनिदेव की पूजा में श्रद्धा और विश्वास सबसे महत्वपूर्ण है। यदि आप पूरे मन से उनकी आराधना करते हैं, तो शनिदेव आपके हर दुख को दूर कर देंगे।