खरमास 2025: जानें कब शुरू होगा और क्या करें क्या न करें
खरमास का महत्व
खरमास 2025: सनातन धर्म में शुभ और अशुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। यह माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य फलदायी होते हैं। खरमास के दौरान किसी भी प्रकार के शुभ कार्य जैसे शादी, गृह प्रवेश, मुंडन, या सगाई नहीं करने चाहिए। यह एक महीने की अवधि होती है, जो साल में दो बार आती है: एक बार दिसंबर में और दूसरी बार मार्च में। दिसंबर में शुरू होने वाला खरमास मकर संक्रांति के दिन समाप्त होता है। इस समय सूर्य भगवान गुरु की राशि धनु में प्रवेश करते हैं, जिससे खरमास की शुरुआत होती है।
खरमास की तिथियाँ:
16 दिसंबर 2025 से 13 जनवरी 2026 तक खरमास रहेगा। 14 जनवरी 2026 को यह समाप्त होगा।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शुभ कार्यों के लिए सूर्य का पूर्ण गति में होना आवश्यक है और देव गुरु बृहस्पति को अपनी शक्तियों के साथ शुभता प्रदान करने की स्थिति में होना चाहिए। लेकिन खरमास के दौरान सूर्य की गति धीमी हो जाती है और बृहस्पति की शक्तियों में कमी आ जाती है, इसलिए इस समय शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
खरमास के दौरान धर्मपालन और दान के कार्यों को अधिक महत्व दिया जाना चाहिए।
