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खाटू श्याम जयंती 2023: देवउठनी एकादशी की तिथि और महत्व

खाटू श्याम जयंती 2023 का पर्व कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की योग निद्रा समाप्त होती है और खाटू श्याम जी का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है। जानें इस बार की तिथि और इस पर्व का महत्व।
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खाटू श्याम जयंती 2023: देवउठनी एकादशी की तिथि और महत्व

खाटू श्याम जयंती कब है?

नई दिल्ली | कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं। साथ ही, इस दिन खाटू श्याम जी का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है, जो हारे का सहारा माने जाते हैं।


इस बार इस तिथि को लेकर लोगों में काफी कन्फ्यूजन है। इस लेख में हम आपके इस भ्रम को दूर करने का प्रयास करेंगे।


खाटू श्याम बाबा का जन्मोत्सव

राजस्थान के सीकर जिले में खाटू श्याम जी का एक भव्य मंदिर स्थित है। उनके जन्मोत्सव पर बाबा को इत्र से स्नान कराकर, गुलाब, चंपा, चमेली और अन्य फूलों से सजाया जाता है।


इस अवसर पर श्याम बाबा को मेवे का केक भी अर्पित किया जाता है। देवउठनी एकादशी की तारीख को लेकर विभिन्न मत हैं; कुछ लोग इसे 1 नवंबर मानते हैं, जबकि अन्य 2 नवंबर को इसे मानते हैं।


1 नवंबर को देवउठनी एकादशी

1 नवंबर को सुबह 9:11 बजे एकादशी तिथि की शुरुआत होगी और यह 2 नवंबर को सुबह 7:31 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि के कारण एकादशी की तिथि 1 नवंबर को ही रहेगी। इस दिन खाटू श्याम बाबा का जन्मदिन भी धूमधाम से मनाया जाएगा।


कहा जाता है कि कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही बाबा श्याम का शीश मंदिर में प्रतिष्ठित किया गया था। इसी उपलक्ष्य में देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी के दिन खाटू श्याम जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। भक्तों का मानना है कि इस दिन दर्शन मात्र से उनकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।